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Maa Saraswati Temple: ज्ञान की देवी मां सरस्वती से जुड़े 4 ऐसे मंदिर, जहां दर्शन करने से मनोकामना होती है पूरी

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Maa Saraswati Temple: इस साल बसंत पंचमी का पर्व (Maa Saraswati Temple) कल यानी 14 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन मां सरस्वती की विशेषरूप से पूजा की जाती है। मां का आशीर्वाद प्राप्त करने...
05:26 PM Feb 13, 2024 IST | Juhi Jha
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Maa Saraswati Temple: इस साल बसंत पंचमी का पर्व (Maa Saraswati Temple) कल यानी 14 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन मां सरस्वती की विशेषरूप से पूजा की जाती है। मां का आशीर्वाद प्राप्त करने...

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Maa Saraswati Temple: इस साल बसंत पंचमी का पर्व (Maa Saraswati Temple) कल यानी 14 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन मां सरस्वती की विशेषरूप से पूजा की जाती है। मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त मां के दर्शन के लिए मंदिर भी जाते है। भारत में मां सरस्वती से जुड़े कई ऐसे पावन धाम है जहां सिर्फ दर्शन भर से साधक की मनोकामना पूरी हो जाती है। आज हम आपको बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती के कुछ ऐसे ही खास मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जो अपनी बनावट के साथ अपनी मान्यताओं के लिए जाने जाते है। तो आइए जानते है मां सरस्वती से जुड़े इन मंदिरों के बारे में बारे में :-

श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर, आंध्र प्रदेश

 

मां सरस्वती के सभी मंदिरों में से आंध्र प्रदेश के श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर का खास महत्व माना जाता है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के अदिलाबाद जिले में स्थित है। वहीं स्था​नीय लोगों द्वारा इस मंदिर को बसरा के नाम से बुलाया जाता है। इस मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत के युद्ध से ऋषि व्यास काफी दुखी हुए थे और युद्ध के बाद वह शांति की खोज में निकल गए थे। शांति की खोज करते हुए वह गोदावरी नदी के किनारे कुमारचला पहाड़ी पर पहुंचे और यही पर उन्होंने मां सरस्वती की आराधना की।

ऋषि व्यास की तपस्या से खुश होकर मां ने उन्हें दर्शन दिए। मां ने उन्हें तीन जगह रेत रखने को कहा। मां के आदेश के अनुसार उन्होंने तीन मुट्ठी रेत तीन जगह रख दिए। इन तीन ढेर से तीन देवियों निकली जो प्रतिमा में बदल गई। यह तीन प्रतिमा मां सरस्वती,काली और लक्ष्मी की थी। मां के आदेश पर ही उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया था।

पनाचिक्कड़ सरस्वती मंदिर,केरल

 

 

यह मंदिर केरल राज्य का एकमात्र मंदिर है। जो मां सरस्वती को समर्पित है। इस मंदिर को किझेप्पुरम नंबूदिरी ने स्थापित किया था और इसे दक्षिण मूकाम्बिका के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि किझेप्पुरम नंबूदिरी ने यहां स्थापित मां की मूर्ति को ढूंढा था और पूर्व की तरफ मुख करके इसकी स्थापना की थी। इस मूर्ति के पास एक दिया हमेशा जलता रहता है।

सरस्वती मंदिर,पुष्कर

 

 

यह सरस्वती मंदिर राजस्थान के ​पुष्कर में स्थित है तो धार्मिक रूप से काफी शुभ माना जाता है। इसी मंदिर के पास ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर भी स्थापित है। माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन के बिना पुष्कर की यात्रा अधूरी रहती है। वहीं मां सरस्वती यहां नदी के रूप में भी विराजमान है।

वारंगल सरस्वती मंदिर,आंध्र प्रदेश

वारंगल सरस्वती मंदिर आंध्र प्रदेश के मेंढक जिले के वारंगल में स्थित है। इस मंदिर को श्री विद्या सरस्वती मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण श्री यमवरम चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा करवाया गया था। वहीं इस मंदिर की आधारशिला 1989 में रखी गई थी। इस मंदिर परिसर में ही श्री लक्ष्मी गणपति मंदिर, भगवान शनीश्वर मंदिर और भगवान शिव मंदिर भी स्थित है।

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