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Kharmas End Date: अप्रैल में इस दिन ख़त्म हो जाएगा खरमास, शुरू हो जाएंगे शादी-विवाह, जानें शुभ मुहूर्त

खरमास हिंदू कैलेंडर में एक ऐसी अवधि है जो वर्ष में दो बार होती है। पहला जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है और दूसरा जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है।
05:02 PM Apr 12, 2025 IST | Preeti Mishra
खरमास हिंदू कैलेंडर में एक ऐसी अवधि है जो वर्ष में दो बार होती है। पहला जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है और दूसरा जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है।

Kharmas End: इस महीने की 14 तारीख को एक महीने से चल रहा खरमास समाप्त हो जाएगा। खरमास की शुरुआत 14 मार्च को हुई थी जब सूर्य मीन राशि में गोचर करते हैं। खरमास (Kharmas End) के एक महीने के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। खरमास की समाप्ति 14 अप्रैल को जाएगी और इसके बाद से सभी शुभ कार्य होना आरंभ हो जाएगा।

साल में दो बार आता है खरमास

खरमास हिंदू कैलेंडर में एक ऐसी अवधि है जो वर्ष में दो बार होती है। पहला जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है और दूसरा जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है। प्रत्येक खरमास लगभग एक महीने तक रहता है, आमतौर पर मार्च-अप्रैल और दिसंबर-जनवरी में। इस दौरान, विवाह, गृह प्रवेश और प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान जैसे शुभ कार्य टाले जाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपनी शक्ति और दैवीय प्रभाव खो देता है। लोग आध्यात्मिक अभ्यास, दान, उपवास और प्रार्थना पर ध्यान केंद्रित करते हैं। एक बार जब सूर्य इन राशियों से बाहर निकल जाता है, तो सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू हो जाती हैं। खरमास भौतिक या सांसारिक उत्सवों की तुलना में आंतरिक शुद्धि और भक्ति पर जोर देता है।

सूर्य इस दिन से करेंगे राशि परिवर्तन

सूर्य देव 14 अप्रैल के दिन राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। इसके साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और लग्न मुहूर्त शुरू हो जाएगा। ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह के उदय होने से 14 अप्रैल से 9 जून तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त होंगे।

क्या होती है मेष संक्रांति?

मेष संक्रांति, जिसे मेष संक्रमण के नाम से भी जाना जाता है, सूर्य के मेष राशि में प्रवेश का प्रतीक है, जो आमतौर पर 14 या 15 अप्रैल को पड़ता है। यह पंजाब, असम, ओडिशा, तमिलनाडु और केरल सहित भारत के कई क्षेत्रों में हिंदू सौर नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। पुथंडु, विशु, बिहू, पोइला बैशाख और बैसाखी जैसे विभिन्न नामों से मनाया जाने वाला यह त्योहार खुशी, फसल और नई शुरुआत का समय है। लोग नदियों में पवित्र डुबकी लगाते हैं, सूर्य देव की पूजा करते हैं और उत्सव के व्यंजन तैयार करते हैं। यह दिन जीवन और प्रकृति में नवीनीकरण, सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक है।

जानें विवाह मुहूर्त

इस साल 14 अप्रैल से लेकर 9 जून तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।

अप्रैल शुभ मुहूर्त- 14 अप्रैल, 16 अप्रैल, 18 अप्रैल, 19 अप्रैल, 20 अप्रैल, 21 अप्रैल, 25 अप्रैल, 29 अप्रैल और 30 अप्रैल
मई शुभ मुहूर्त- 1 मई, 5 मई, 6 मई, 8 मई, 10 मई, 14 मई, 15 मई, 16 मई, 17 मई, 18 मई, 22 मई, 23 मई, 24 मई, 27 और 28 मई
जून शुभ मुहूर्त- 2 जून, 4 जून, 5 जून, 7 जून और 8 जून

देवशयनी एकादशी से फिर बंद हो जायेंगे शुभ कार्य

देवशयनी एकादशी से एक बार फिर शादी-विवाह बंद हो जाएंगे। इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को है। इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। भगवान विष्णु के चिर निद्रा से उठने के बाद देवउठनी एकादशी से एक बार विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस वर्ष देवउठनी एकादशी 2 नवंबर को है।

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