Thursday, July 24, 2025
  • ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Kanpur Ganga Mela 2024: कानपूर में क्यों मनाई जाती है 7 दिन की होली, जानिए क्या है गंगा मेला और इसका महत्व

Kanpur Ganga Mela 2024: भारत में होली का त्यौहार बड़े ही उमंग और हर्षोल्लास (Kanpur Ganga Mela 2024)के सा​थ मनाया जाता है। होली के दिन घर के सभी छोटे बड़े लोग मिलकर गुलाल के रंग के रंगे नजर आते है।...
featured-img

Kanpur Ganga Mela 2024: भारत में होली का त्यौहार बड़े ही उमंग और हर्षोल्लास (Kanpur Ganga Mela 2024)के सा​थ मनाया जाता है। होली के दिन घर के सभी छोटे बड़े लोग मिलकर गुलाल के रंग के रंगे नजर आते है। हमारे देश में अलग अलग राज्यो में खास अंदाज में होली खेलने का प्रचलन है। जैसे मथुरा की लठ्ठमार होली, बरसाना की लड्डू,आंध्र प्रदेश में मदेरू, छड़ीमार होली इत्यादि शामिल है। लेकिन इन सब के अलावा उत्तर प्रदेश के कानपुर की होली भी काफी प्रसिद्ध है। दरअसल हर जगह पर होली एक या दो दिन की मनाई जाती है लेकिन कानपुर में होली सात दिन तक खेली जाती है और 7वें दिन गंगा मेला का आयोजन किया जाता है। ऐसे में आइए जानते है कानपुर में 7 दिन की होली क्यों खेली जाती है और क्या है गंगा मेला :-

क्रांतिकारियों से जुड़ी है गंगा मेला की कहानी:-

Kanpur Ganga Mela 2024

गंगा मेला की कहानी आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों से जुड़ी है। कानपुर में 7 दिनों की होली आज से नहीं बल्कि 82 साल पहले साल 1942 में शुरू हुई थी। तभी से कानपुर में 7 दिनों की होली खेली जाती है। होली की शुरूआत कानपुर में रंग पंचमी के दिन से मानी जाती है। जिसमें अलग अलग गांव से लोग एकत्रित होकर गंगा के तट पर एक दूसरे को रंग लगाते है। कहा जाता है कि गंगा मेला की कहानी 1942 में शुरू हुई थी। 1942 में ब्रिटिश सरकार ने लोगों के होली खेलने पर बैन लगा दिया और व्यापारियों पर लगान बढ़ा दिया। जिसके खिलाफ जमींदारों ने मोर्चा छेड़ दिया। अंग्रेज कलेक्टर ने उन सभी जमींदारों को जेल में डाल दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आजादी के ​लिए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

ऐसे हुई गंगा मेला की शुरूआत:-

अंग्रेजों द्वारा जमींदारों को ​गिरफ्तार करने के बाद ग्रामीणों द्वारा पूरे शहर में प्रदर्शन शुरू कर दिया और पूरे शहर में होली खेली गई। ग्रामीणों ने घोषणा कि जब तक जमींदारों को छोड़ा नहीं जाएगा तब त​क लगातार होली खेली जाएगी। ग्रामीणों के प्रदर्शन से परेशान होकर अंत में अंग्रेजों ने हारकर अपना फैसला बदल दिया और जमींदारों को छोड़ने के साथ ही लगान भी माफ कर दिया। इस खुशी से ग्रामीणों ने रंग और गुलाल से होली खेली। जिस दिन ब्रिटिश सरकार द्वारा जमींदारों को छोड़ गया उस दिन अनुराधा नक्षत्र था। जिसकी वजह से हर साल अनुराधा नक्षत्र के दिन गंगा मेला मनाया जाता है। बता दें कि इस साल गंगा मेला की 83 वर्षगांठ मनाई जाएगी।

कैसे मनाया जाता है गंगा मेला:-

Kanpur Ganga Mela 2024

गंगा मेला के दिन हटिया स्थित पार्क में सबसे पहले तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इस पार्क में अंग्रेजों के समय से झंडा लगा हुआ है। झंडा फहराने के बाद रंगो का ठेला निकाला जाता है जो 7 किलोमीटर घूमकर वापस पार्क पर ही आकर खत्म होता है। शाम को पार्क में बाल मेला का आयोजन किया जाता है। जिसमें बच्चे, बड़े हंसी खुशी से शामिल होते है।

यहां देखें:—  Karadaiyan Nombu Festival: क्यों मनाया जाता है तमिलनाडु में करादैयन नोम्बू महोत्सव, जानें इस पर्व का महत्व

ट्रेंडिंग खबरें

Dehydration Symptoms: शरीर में ये लक्षण पानी की कमी के हैं संकेत, भूलकर भी ना करें नज़रअंदाज़

Hariyali Teez 2025: हरियाली तीज़ में भूलकर भी ना करें ये 5 काम , वरना लगेगा पाप

रक्षाबंधन में पहली राखी चढ़ाई जाती है ईश्वर को, जानिए क्यों ?

जगदीप धनखड़ के बाद कौन होगा देश का अगला उपराष्ट्रपति? चुनाव आयोग हुआ एक्टिव?

संसद मानसून सत्र : आज पेश हो सकता है स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल! केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख भाई मांडविया पेश करेंगे बिल!

रोज़ाना पनीर खाना सेहत के लिए फायदेमंद या नुकसानदायक , जानिए एक्सपर्ट की राय

मानसून के मौसम में ये 5 जगहें किसी जन्नत से नहीं है कम, घूमने का जरूर बनाए प्लान

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज