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पांच साल बाद होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानें कैसे करें आवेदन, क्या है शुल्क?

कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित होने के करीब पांच साल बाद, जून में पवित्र तीर्थयात्रा मार्ग फिर से खोला जाएगा।
11:39 AM Apr 28, 2025 IST | Preeti Mishra
कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित होने के करीब पांच साल बाद, जून में पवित्र तीर्थयात्रा मार्ग फिर से खोला जाएगा।
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Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित होने के करीब पांच साल बाद, जून में पवित्र तीर्थयात्रा मार्ग फिर से खोला जाएगा। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि जून से अगस्त के बीच पांच जत्थे, जिनमें से प्रत्येक में 50 भक्त होंगे और 10 जत्थे, जिनमें से प्रत्येक में 50 भक्त होंगे, पवित्र गंतव्य की यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra 2025) करेंगे।

भगवान शिव के निवास के रूप में पहचाने जाने वाले कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar Yatra 2025) का हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है। COVID-19 महामारी और उसके बाद लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध के बाद 2020 से कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं हुई है। आइए जानते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में सब कुछ।

कौन और कहां आवेदन कर सकता है?

कैलाश मानसरोवर यात्रा वैध भारतीय पासपोर्ट रखने वाले पात्र भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, जो धार्मिक उद्देश्यों के लिए कैलाश-मानसरोवर जाना चाहते हैं। भक्तगण केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई आधिकारिक वेबसाइट (http://kmy.gov.in./) पर जा सकते हैं, जहां वे यात्रा के लिए आवेदन भर सकते हैं। यात्रा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 13 मई, 2025 है। इस तिथि के बाद आवेदन पोर्टल बंद हो जाएगा। चुने गए आवेदकों को रैंडम कम्प्यूटरीकृत ड्रा के बाद उनके पंजीकृत ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर पर स्वचालित संदेशों के माध्यम से सूचित किया जाएगा।

तीर्थयात्रा की अवधि क्या है?

तीर्थयात्रा की अवधि मार्ग पर निर्भर करती है।
लिपुलेख दर्रा 22 दिन
नाथू ला दर्रा (सिक्किम) 21 दिन

लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं को प्रति व्यक्ति 1.74 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, नाथू ला दर्रे का उपयोग करने वालों को 2.83 लाख रुपये देने होंगे।

श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य जांच

यात्रियों को यात्रा शुरू होने से पहले तैयारियों और चिकित्सा जांच के लिए दिल्ली में तीन से चार दिन बिताने होंगे। वे दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट (डीएचएलआई) में चिकित्सा जांच से गुजरेंगे।

लिपुलेख मार्ग पर गुंजी (ऊंचाई 3,220 मीटर) और नाथुला मार्ग पर शेरथांग (ऊंचाई 4,115 मीटर) पर दूसरी मेडिकल जांच भी की जाती है ताकि ऊंचाई पर शारीरिक प्रतिक्रिया का आकलन किया जा सके। केवल उन्हीं यात्रियों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी जो स्वस्थ पाए जाएंगे।

कौन से दस्तावेज साथ ले जाने होंगे?

यात्रा के लिए चुने जाने के बाद, श्रद्धालुओं को निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ दिल्ली में रिपोर्ट करना होगा:

- सामान्य भारतीय पासपोर्ट, जो चालू वर्ष के 1 सितंबर तक कम से कम छह महीने के लिए वैध हो।
- फोटो: रंगीन, पासपोर्ट आकार
- 100 रुपये के गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर निष्पादित क्षतिपूर्ति बांड
- आपात स्थिति में हेलीकॉप्टर द्वारा निकासी के लिए वचनबद्धता
- चीनी सीमा पर मृत्यु के मामले में शवों के दाह संस्कार के लिए सहमति पत्र

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