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कब-कब है ज्येष्ठ महीने की एकादशी? जानें तिथि और मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा तो वहीं ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
07:30 AM May 14, 2025 IST | Preeti Mishra
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा तो वहीं ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

Jyeshtha Month 2025 Ekadashi: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। साल में 24 और हर महीने दो एकादशी तिथि होती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। अब ज्येष्ठ महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने भी दो एकादशी (Jyeshtha Month 2025 Ekadashi) व्रत रखे जाएंगे।

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा तो वहीं ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। आइये जानते हैं इन दोनों एकादशी की तिथि (Jyeshtha Month 2025 Ekadashi) और मुहूर्त के बारे में।

कब है अपरा एकादशी?

ज्येष्ठ महीने में अपरा एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जायेगा। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 23 मई की रात 01:12 मिनट पर होगी और इसका समापन 23 मई को रात 10:29 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा।

अपरा एकादशी को बहुत शुभ माना जाता है और माना जाता है कि यह पिछले पापों को धोने और ईश्वरीय कृपा प्रदान करने में मदद करती है। यह एकादशी विशेष रूप से उन लोगों के लिए अनुशंसित है जो क्षमा, आंतरिक शांति और मुक्ति चाहते हैं। यह वित्तीय कठिनाइयों से राहत दिलाने और अच्छा नाम और प्रसिद्धि पाने में भी मदद करने के लिए माना जाता है।

कब है निर्जला एकादशी?

निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 6 जून को रात 02:15 मिनट पर होगी और इसका समापन 7 जून को सुबह 04:47 मिनट पर होगा।

सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी का बहुत महत्व है। माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति साल की सभी एकादशी ना कर पाए तो केवल निर्जला एकादशी का व्रत रखने से सभी एकादशियों को व्रत रखने जैसा पुण्य मिलता है। निर्जला एकादशी सभी एकादशियों में सबसे अधिक पवित्र और शक्तिशाली है, जिसे बिना भोजन और पानी के मनाया जाता है।

इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने और पापों से शुद्धि पाने के लिए भक्त 24 घंटे उपवास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी का पालन करने से पूरे वर्ष में मनाई जाने वाली सभी 24 एकादशियों का आध्यात्मिक पुण्य मिलता है।

यह भी पढ़ें: Jyeshta Month 2025 Festivals: आज से शुरू हुआ ज्येष्ठ का महीना, देखें व्रत-त्योहारों की लिस्ट

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