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हरियाली तीज में ऐसे करें शिव -पार्वती जी की पूजा, मिलेगा अखंड सौभाग्य

हरियाली तीज विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है।
10:54 AM Jul 22, 2025 IST | Preeti Mishra
हरियाली तीज विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है।

Haryali Teej 2025: हरियाली तीज, जिसे श्रावणी तीज या सिंधारा तीज के नाम से भी जाना जाता है, जो विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। पवित्र श्रावण मास में मनाया जाने वाला यह शुभ दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन को समर्पित है। इस वर्ष हरियाली तीज रविवार 27 जुलाई को मनाई जाएगी।

इस दिन, महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, समृद्धि और कल्याण की कामना करती हैं। अविवाहित लड़कियां भी एक आदर्श जीवनसाथी पाने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। आइए हरियाली तीज के महत्व, इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने की सही विधि और अखंड वैवाहिक सुख प्रदान करने वाले इसके अनुष्ठानों को विस्तार से जानते हैं।

हरियाली तीज का महत्व

हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (तृतीया) को मनाई जाती है। यह वह दिन है जब देवी पार्वती को 108 जन्मों की लंबी और कठिन तपस्या के बाद अंततः भगवान शिव ने अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए, इस दिन को शाश्वत प्रेम, भक्ति और त्याग का प्रतीक माना जाता है।

"हरियाली" शब्द का अर्थ है हरियाली, जो मानसून के आगमन का संकेत है, जो भूमि में उर्वरता और समृद्धि लाता है। इस जीवंत अवसर को मनाने के लिए महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और सुंदर आभूषणों से खुद को सजाती हैं।

हरियाली तीज पूजा मुहूर्त और तिथि

तिथि: रविवार 27 जुलाई 2025
तृतीया तिथि प्रारंभ: 26 जुलाई 2025 को रात्रि 10 बजकर 41 मिनट से
तृतीया तिथि समाप्त: 27 जुलाई 2025 को रात्रि बजकर 41 मिनट तक
पूजा मुहूर्त: भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का शुभ समय सुबह 6:30 बजे से 8:45 बजे के बीच या शाम को प्रदोष काल के दौरान (स्थानीय समय के अनुसार, शाम 7:00 बजे से 8:30 बजे तक) है।

हरियाली तीज पर शिव-पार्वती की पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और पवित्र स्नान करें। अपने पूजा स्थल को साफ़ करें और भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। स्वच्छ, अधिमानतः हरे रंग के पारंपरिक वस्त्र पहनें और हाथों और पैरों में मेहंदी लगाएँ। निर्जला व्रत रखने वाली महिलाओं को पूरे दिन पवित्रता और भक्ति बनाए रखनी चाहिए। अपने पति की भलाई या एक अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए पूरी आस्था, भक्ति और शुद्ध मन से व्रत रखने का संकल्प लें।

प्रसाद और पूजा सामग्री

लाल और हरी चूड़ियाँ, सिंदूर, मेहंदी, बिंदी,
भगवान शिव के लिए बेल पत्र, धतूरा, भस्म
फल, मिठाई, पान-सुपारी, हल्दी-कुमकुम, फूल
देवी पार्वती के लिए नई साड़ी या चुनरी
अगरबत्ती, दीया और घी

शिव-पार्वती पूजन विधि

दीपक और अगरबत्ती जलाकर पूजा शुरू करें। भगवान शिव को बेल पत्र, फूल और फल अर्पित करें। देवी पार्वती को सिंदूर, चूड़ियाँ, बिंदी और वस्त्र से सजाएं । तीज व्रत कथा का पाठ करें और शिव-पार्वती स्तोत्र या "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ गौरी शंकराय नमः" जैसे मंत्रों का जाप करें। देवी की मूर्तियों पर पान, सुपारी, मिठाई चढ़ाएँ और कुमकुम और हल्दी लगाएँ। अपने पति की दीर्घायु और समृद्धि या वैवाहिक सुख के लिए प्रार्थना करें।

हरियाली तीज के विशेष अनुष्ठान

झूले और गीत: परंपरागत रूप से, पेड़ों पर सजे हुए झूले बाँधे जाते हैं और महिलाएँ शिव-पार्वती के मिलन का उत्सव मनाते हुए लोकगीत गाती हैं। वातावरण आनंद, संगीत और उत्सव से भरपूर होता है।

सिंधारा समारोह: विवाहित महिलाओं को उनके मायके से उपहार (सिंधारा) मिलते हैं जिनमें घेवर जैसी मिठाइयाँ, चूड़ियाँ, वस्त्र और सौंदर्य प्रसाधन शामिल होते हैं।

संध्या गौरी पूजा और चंद्रमा पूजन: शाम के समय, कई महिलाएँ गौरी पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। वैवाहिक जीवन में सामंजस्य को मजबूत करने के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करना शुभ माना जाता है।

हरियाली तीज पर जपने के मंत्र

“ॐ गौर्यै नमः” – देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए
“ॐ महादेवाय नमः” – भगवान शिव की पूजा करने के लिए
तीज व्रत कथा – देवी पार्वती की तपस्या की पवित्र कथा पढ़ने या सुनने से व्रत का फल बढ़ जाता है।

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