Hariyali Teej Kab Hai: इस दिन है हरियाली तीज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Hariyali Teej Kab Hai: हरियाली तीज एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है जिसे विवाहित और अविवाहित महिलाएं मनाती हैं। यह पर्व विशेष तौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है। हरियाली तीज त्योहार (Hariyali Teej Kab Hai) भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है।
इस दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं, व्रत रखती हैं और वैवाहिक सुख और अपने पतियों की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं। महिलाएं इस दिन झूला जुलते हुए पारंपरिक गीत गाती हैं। हरियाली तीज मानसून के आगमन का भी प्रतीक है और यह प्रेम, भक्ति और प्रकृति का एक सुंदर उत्सव है।
कब है इस वर्ष हरियाली तीज?
सावन माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि की शुरुआत 26 जुलाई 26 को रात 10:41 बजे होगी। वहीं इसका समापन भी 27 जुलाई की रात 10:41 बजे ही होगा। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष हरियाली तीज रविवार, 27 जुलाई को मनाई जाएगी।
शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है यह पर्व
हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतिक है। इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं व सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। महिलाएं नए वस्त्र, विशेषतः हरी साड़ी में सजधज कर अपने मायके जाती हैं व तीज के गीत गाते हुए हर्षोल्लास के साथ झूलने का आनन्द लेती हैं व यह त्यौहार मनाती है।
सिंधारा तीज के नाम से भी जाना जाता है यह पर्व
इस दिन विवाहित कन्या के माता-पिता बेटी को सिंधारा उपहार स्वरुप भेंट करते हैं। सिंधारा में विशेषतः मिठाई, घेवर, मेहँदी, चूड़ियां आदि वस्तुएं भेंट दी जाती है। क्यूंकि हरियाली तीज के दिन सिंधारा भेंट करने की प्रथा है, इसलिए इस तीज को सिंधारा तीज भी कहा जाता है। हरियाली तीज के अन्य नाम छोटी तीज व श्रावण तीज भी हैं। कजरी तीज, जो हरियाली तीज के पंद्रह दिन बाद आती है, उसे बड़ी तीज कहा जाता है।
हरियाली तीज पूजा विधि
- महिलाएं सूर्योदय से पहले उठती हैं, स्नान करती हैं और साफ कपड़े पहनती हैं - खास कर हरे रंग के।
- विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार से खुद को सजाती हैं।
- हरे कपड़े, कांच की चूड़ियाँ पहनना और सिंदूर लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
- पूरे दिन सख्त निर्जला व्रत रखा जाता है।
- पूजा के लिए एक साफ जगह तैयार करें।
- देवी पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- पूजा क्षेत्र को फूलों, विशेष रूप से बेलपत्र, कमल और दूर्वा से सजाएँ।
- देवी पार्वती के लिए घेवर, नारियल और कपड़े जैसे तीज के विशेष प्रसाद अर्पित करें।
- दीया और अगरबत्ती जलाएँ।
- देवी पार्वती को हल्दी, कुमकुम, फूल, फल, मिठाई और बेलपत्र चढ़ाएँ।
- हरियाली तीज व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- शिव-पार्वती मंत्रों का जाप करें जैसे: "ओम पार्वतीयै नमः" "ओम नमः शिवाय"
- शाम की प्रार्थना के बाद या अगली सुबह व्रत तोड़ा जाता है।
यह भी पढ़ें: June Panchak 2025: आज से पंचक शुरू, भूलकर भी ना करें ये पांच काम
.