Guruwar Ke Upay: गुरुवार के प्रसाद में ये तीन चीजें हैं बहुत महत्वपूर्ण, जानिए क्यों
Guruwar Ke Upay: हिंदू धर्म में गुरूवार का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह देवताओं के गुरु, ज्ञान और आध्यात्मिकता के प्रतीक गुरु बृहस्पति को समर्पित है। भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। बृहस्पति का रंग पीला, शुभ माना जाता है, इसलिए इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं और केला, गुड़ और चना दाल जैसे पीले खाद्य पदार्थ भगवान विष्णु को चढ़ाते हैं। गुरुवार (Guruwar Ke Upay) को शैक्षिक गतिविधियों की शुरुआत के लिए भी एक अनुकूल दिन माना जाता है।
गुरुवार को जो लोग व्रत रहते हैं वो इस दिन पीले रंग की वस्तुओं का सेवन करने से बचते हैं। लेकिन इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग (Guruwar Ke Upay) के प्रसाद ही अर्पित किये जाते हैं जिसमे चना दाल, गुड़ और केला शामिल है। आइये जानते हैं गुरुवार को इन तीन चीज़ों को चढाने का क्या है महत्व।
गहरे अर्थ वाले है यह तीनों सरल प्रसाद
गुरुवार को भगवान विष्णु को चना दाल, गुड़ और केला चढ़ाना केवल एक अनुष्ठान नहीं है - यह प्रतीकात्मक और आध्यात्मिक महत्व से भरा एक संकेत है। ये प्राकृतिक, पौष्टिक वस्तुएँ स्वास्थ्य, समृद्धि, ज्ञान और दिव्य आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करती हैं। जब सच्ची श्रद्धा के साथ चढ़ाया जाता है, तो वे ग्रह बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं, विशेष रूप से बृहस्पति से संबंधित, और भक्त के जीवन में कृपा, प्रचुरता और खुशी को आमंत्रित करते हैं।
चना दाल का महत्व
चना दाल का रंग पीला होता है, जो गुरुवार के शासक ग्रह बृहस्पति से मेल खाता है। पीला रंग ज्ञान, विकास और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है, ये सभी गुण भगवान विष्णु और बृहस्पति से जुड़े हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, चना दाल चढ़ाने से बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और कुंडली में इनके अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।
इसे बौद्धिक और वित्तीय कल्याण को बढ़ाने वाला भी कहा जाता है। प्रोटीन से भरपूर दाल होने के कारण, यह पोषण और स्वास्थ्य का भी प्रतीक है, जो भगवान विष्णु द्वारा प्रदान किए गए पोषण को दर्शाता है।
गुड़ का महत्व
गुड़ मिठास, गर्मी और सकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक सात्विक भोजन है जिसका उपयोग कई धार्मिक प्रसादों में किया जाता है। माना जाता है कि गुड़ जीवन से कड़वाहट को दूर करता है और रिश्तों और भाग्य में मिठास लाता है। जब भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है, तो यह भक्त की प्रेम, अच्छे स्वास्थ्य और आध्यात्मिक स्पष्टता से भरे जीवन की कामना का प्रतीक होता है। यह बृहस्पति को भी प्रसन्न करता है, क्योंकि गुड़ सौर ऊर्जा और जीवन शक्ति से जुड़ा हुआ है, जो भक्त की आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति का समर्थन करता है।
केले का महत्व
केला हिंदू धर्म में एक पवित्र फल है और अक्सर अनुष्ठानों और प्रसाद में इसका उपयोग किया जाता है। इसे पवित्रता और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। केले के पौधे को भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु को केले चढ़ाने से धन, सद्भाव और पारिवारिक खुशहाली की प्राप्ति होती है। चूंकि केला भी पीले रंग का होता है, इसलिए यह बृहस्पति की ऊर्जा के साथ जुड़ता है और पूजा की समग्र शुभता को बढ़ाता है।
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