आषाढ़ महीने में इस दिन से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, जानें तिथि और महत्व
Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्रि आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली नौ दिवसीय त्योहार है जो साल में दो बार मनाया जाता है - माघ (जनवरी-फरवरी) और आषाढ़ (जून-जुलाई) के महीनों के दौरान। व्यापक रूप से मनाए जाने वाले चैत्र और शारदीय नवरात्रि के विपरीत, गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2025) मुख्य रूप से तांत्रिकों, साधकों और आध्यात्मिक साधकों द्वारा गहन ध्यान और गुप्त साधनाओं के लिए मनाई जाती है।
ये नौ दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित हैं, लेकिन आध्यात्मिक शक्ति, सुरक्षा और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान निजी तौर पर किए जाते हैं। गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2025) उन लोगों के लिए आदर्श मानी जाती है जो तंत्र, मंत्र सिद्धि और गहन भक्ति का अनुसरण करते हैं। उपवास, जप और अनुष्ठान बहुत गोपनीयता और विश्वास के साथ किए जाते हैं।
आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि जून या जुलाई के दौरान आषाढ़ माह में आती है। गुप्त नवरात्रि को गायत्री नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र मनाया जाता है।
कब शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि?
द्रिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 25 जून को शाम 04 बजे से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी वहीं इसका समापन 26 जून को दोपहर 01:24 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार 26 जून से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी।
गुप्त नवरात्रि घटस्थापना समय
द्रिक पंचांग के अनुसार, 26 जून को घटस्थापना का समय सुबह 05:25 मिनट से लेकर सुबह 06:58 मिनट तक है। इसके साथ ही सुबह 11:56 मिनट से लेकर दोपहर 12:52 मिनट के मध्य अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं। इन दो शुभ योग में कलश स्थापना कर देवी मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।
गुप्त नवरात्रि की सभी तिथियां
26 जून- गुरुवार, घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
27 जून- शुक्रवार, ब्रह्मचारिणी पूजा
28 जून- शनिवार, चन्द्रघण्टा पूजा
29 जून- रविवार, कूष्माण्डा पूजा
30 जून- सोमवार, स्कन्दमाता पूजा
1 जुलाई- मंगलवार, कात्यायनी पूजा
2 जुलाई- बुधवार, कालरात्रि पूजा
3 जुलाई- गुरुवार, दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा
4 जुलाई- शुक्रवार, सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण
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