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Gudi Padwa 2024 Date: क्यों और कैसे मनाया जाता है गुड़ी पड़वा पर्व, जानें इसका महत्व

Gudi Padwa 2024 Date: भारत में हर तीज त्यौहार का अलग और विशेष महत्व  (Gudi Padwa 2024FDate) होता है। जहां एक तरफ होली, दिवाली जैसे त्यौहार पूरे देश में समान रूप से मनाए जाते है वैसे ही कुछ ऐसे त्यौहार...
02:52 PM Mar 15, 2024 IST | Juhi Jha
Gudi Padwa 2024 Date: भारत में हर तीज त्यौहार का अलग और विशेष महत्व  (Gudi Padwa 2024FDate) होता है। जहां एक तरफ होली, दिवाली जैसे त्यौहार पूरे देश में समान रूप से मनाए जाते है वैसे ही कुछ ऐसे त्यौहार...

Gudi Padwa 2024 Date: भारत में हर तीज त्यौहार का अलग और विशेष महत्व  (Gudi Padwa 2024FDate) होता है। जहां एक तरफ होली, दिवाली जैसे त्यौहार पूरे देश में समान रूप से मनाए जाते है वैसे ही कुछ ऐसे त्यौहार भी होते है जो विशेष क्षेत्रों व राज्यों में बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के सा​थ मनाया जाता है। इन्हीं में से एक है गुड़ी पड़वा का त्यौहार, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा को संवत्सर पड़वो के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार हर साल मुख्य रूप से चैत्र महीने की नवरात्रि के दिन मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते है इस साल कब मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा का त्यौहार और क्या है इसका महत्व :-

गुड़ी पड़वा का अर्थ:-

गुड़ी पड़वा का अर्थ विजय ध्वज है। इस दिन घरों में लोग सुख समृद्धि की कामना करते हुए विजय ध्वज फहराते है और विजय के प्रतीक के रूप में गुड़ी सजाई जाती है। यह पर्व महाराष्ट्र के साथ साथ तेलंगाना,कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भी मनाया जाता हैं। यह दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें 'गुड़ी' का अर्थ भगवान ब्रह्मा का ध्वज व प्रतीक और पड़वा का अर्थ चंद्रमा के चरण का पहला दिन से है। गुड़ी पाड़वा के बाद रबी की फसल की कटाई की जाती है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है।

कैसे मनाया जाता है गुड़ी पड़वा का पर्व:-

गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घर की साफ सफाई करते है। इसके बाद घर के मुख्य द्वार को रंगोली से सजाया जाता है। इसके बाद आम के पत्तों से बना हुआ बंधनवार घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गुड़ी यानी झंडा लगाती है। माना जाता है कि गुड़ी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। ​इस दिन महिलाएं घर में किसी बर्तन पर स्वास्तिक चिंह बनाकर उसको रेशम के कपड़े में लपेट कर रखा जाता है। इस दिन सुबह सूर्यदेव की पूजा और सुंदरकांड, रामरक्षा स्रोत और देवी भगवती के मंत्रों का जाप करने की भी परंपरा है। इस दिन कई प्रकार के अलग अलग व्यंजन बनाए जाते है। लेकिन इस दिन मुख्य रूप से महाराष्ट्रियन व्यंजन पूरन पोली बनाई जाती है। इस साल गुड़ी पड़वा का शुभ त्यौहार 09 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा।

गुड़ी पड़वा का महत्व :-

गुड़ी पड़वा को कई जगहों पर अलग अलग रूप में देखा जाता है। जैसे कई जगहों पर गुड़ी पड़वा को नए वर्ष के शुरूआत के रूप मे देखा जाता है। वहीं कई जगहों पर माना जाता है कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत भी हुई थी। वहीं महाराष्ट्र में इसे मनाने के पीछे का कारण मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की युद्ध में विजय से है। मान्यता है कि छत्रपति शिवाजी के युद्ध विजयी होने के बाद गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया गया था। वहीं कुछ जगहों पर रबी की फसलों की कटाई के प्रतीक के रूप में इसे देखा जाता है।

यह भी देखें:- Holi Celebration in India: भारत के इन राज्यों में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है होली का त्यौहार

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