Ganga Saptami 2025: आज है गंगा सप्तमी, जरूर करें गंगा नदी में स्नान
Ganga Saptami 2025: आज गंगा सप्तमी है। यह पर्व वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है। आज ही के दिन मां गंगा धरती पर पुनर्जीवित हुई थीं। इसलिए हिन्दू धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2025) का बहुत महत्व होता है। आज के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, गंगा सप्तमी के पर्व की शुरुआत 3 मई को सुबह 07:51 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन 4 मई को सुबह 07:18 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2025) का पर्व आज मनाया जा रहा है।
गंगा सप्तमी का महत्व
गंगा सप्तमी, जिसे गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है, वह दिन है जब देवी गंगा भगवान शिव की जटाओं से होकर पृथ्वी पर फिर से प्रकट हुईं और अपने दिव्य जल से दुनिया को पवित्र किया। वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाने वाला यह शुभ अवसर भक्तों के पापों को धोता है और उन्हें आध्यात्मिक मुक्ति प्रदान करता है।
इस दिन लोग गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं, प्रार्थना करते हैं और गंगा घाटों पर पूजा और आरती करते हैं। यह दिन पवित्रता, भक्ति और पुनर्जन्म का प्रतीक है, जो नदी और हिंदू धर्म के बीच पवित्र संबंध को मजबूत करता है। यह विशेष रूप से हरिद्वार और वाराणसी जैसे स्थानों पर मनाया जाता है।
आज के दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान के बाद ही करें कोई काम
गंगा सप्तमी पर गंगा में पवित्र स्नान का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति के सभी पाप और नकारात्मक कर्म साफ हो जाते हैं। यह दिन देवी गंगा के पृथ्वी पर फिर से प्रकट होने का प्रतीक है, जिससे उनका जल विशेष रूप से पवित्र और आध्यात्मिक रूप से ऊर्जावान हो जाता है।
इस दिन गंगा में स्नान करने से मोक्ष मिलता है और आत्मा शुद्ध होती है, जिससे व्यक्ति का शरीर और मन दिव्य ऊर्जा से भर जाता है। भक्तों का मानना है कि आज के दिन भगवान शिव और देवी के आशीर्वाद से नदी और अधिक शक्तिशाली हो जाती है, जिससे इसमें डुबकी लगाना आध्यात्मिक रूप से लाभकारी होता है।
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