Ganesha Visarjan 2025: इस दिन होगा गणेश विसर्जन, जानें तिथि, समय और मुहूर्त
Ganesha Visarjan 2025: गणेशोत्सव के अंत में भगवान गणेश की मूर्ति को किसी जलाशय में विसर्जित करने की रस्म को गणेश विसर्जन कहते हैं। परंपरा के अनुसार, प्रत्येक पूजा विधि विसर्जन या उत्थापन (Ganesha Visarjan 2025) के साथ संपन्न होती है। हालाँकि विसर्जन गणेश चतुर्थी के दिन ही किया जा सकता है, लेकिन बाद के दिनों की तुलना में यह कम प्रचलित है।
डेढ़ दिन का गणेश विसर्जन
यह अनुष्ठान गणेश चतुर्थी के अगले दिन किया जाता है। भक्त दोपहर में भगवान गणेश की पूजा करते हैं और मध्याह्न के बाद विसर्जन करते हैं। चूँकि मूर्ति एक दिन स्थापित की जाती है और अगले दिन दोपहर में विसर्जित की जाती है, इसलिए इसे डेढ़ दिन का विसर्जन (Ganesha Visarjan 2025) कहा जाता है। यह कई घरों में सबसे लोकप्रिय परंपराओं में से एक है।
अनंत चतुर्दशी के अलावा, कई परिवार विषम संख्या वाले दिनों में भी विसर्जन करते हैं, जैसे गणेश चतुर्थी के 3, 5, या 7 दिन बाद। इस प्रथा के अनुसार, विसर्जन का अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी, 11वें दिन पड़ता है, जो भी एक विषम संख्या है, जो शुभता का प्रतीक है।
अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन
इस वर्ष चतुर्दशी तिथि 6 सितम्बर को प्रातः 01:42 बजे शुरू हो रही है। इसका समापन 07 सितंबर, रात 12:11 बजे होगा। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी शनिवार, 6 सितंबर को पड़ रही है। यह दिन गणेश विसर्जन के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के साथ-साथ, भक्त भगवान विष्णु के अनंत रूप की भी पूजा करते हैं। कई लोग दिन भर उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान सुरक्षा और आशीर्वाद के लिए पवित्र अनंत सूत्र (धागा) बाँधते हैं।
गणेश विसर्जन मुहूर्त 6 सितंबर 2025
प्रातःकाल (शुभ): प्रातः 07:36 से प्रातः 09:10 तक
दोपहर (चर, लाभ, अमृता): दोपहर 12:17 बजे से शाम 04:59 बजे तक
शाम (लाभ): शाम 06:33 बजे से शाम 07:59 बजे तक
रात्रि (शुभ, अमृता, चर): 09:25 बजे से 01:44 बजे तक, 07 सितंबर
प्रातःकाल (लाभ): प्रातः 04:36 से प्रातः 06:02 तक, 07 सितम्बर
अनंत चतुर्दशी का महत्व
गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाला गणेशोत्सव अनंत चतुर्दशी को समाप्त होता है। इस दिन, भगवान गणेश की मूर्तियों को ढोल और ताशा जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ भव्य जुलूसों में निकाला जाता है। भक्त बेजोड़ उत्साह के साथ "गणपति बप्पा मोरया" और "गणेश महाराज की जय" जैसे नारे लगाते हैं। मूर्ति का विसर्जन जीवन में सृजन और प्रलय के चक्र का प्रतीक है।
मुंबई और अन्य क्षेत्रों में गणेश विसर्जन समारोह
मुंबई और महाराष्ट्र में, गणेश मंडल विशाल जुलूस निकालते हैं जो अगली सुबह तक चलते हैं। नारियल, फूल और मिठाइयाँ चढ़ाने के बाद, समुद्र, झीलों या नदियों में विसर्जन किया जाता है। तेलुगु भाषी क्षेत्रों में, इस अनुष्ठान को विनायक निमज्जनम कहा जाता है।
पारिवारिक परंपराएँ और आधुनिक विसर्जन
जहाँ कई परिवार अनंत चतुर्दशी का सख्ती से पालन करते हैं, वहीं कुछ परिवार अपने रीति-रिवाजों के अनुसार तीसरे, पाँचवें या सातवें दिन विसर्जन करना पसंद करते हैं। पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं के लिए, कुछ परिवार घर पर ही टब या बाल्टियों में मूर्तियों का विसर्जन करते हैं, जिससे पर्यावरण की रक्षा करते हुए इस अनुष्ठान की भावना को जीवित रखा जा सके।
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