आज चौथे बड़ा मंगल में इन चीजों का दान करने से मिलेगा पुण्य
Fourth Bada Mangal 2025 : ज्येष्ठ का पवित्र महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर लखनऊ और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में, जहाँ बड़ा मंगल बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ज्येष्ठ महीने के हर मंगलवार को पड़ने वाला बड़ा मंगल भगवान हनुमान को समर्पित एक आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण दिन है, जो शक्ति, भक्ति और सुरक्षा के प्रतीक हैं। इस दिन, भक्त पूजा करते हैं, प्रसाद वितरित करते हैं और दान करते हैं, उनका मानना है कि बड़े मंगल पर किए गए अच्छे कर्म आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, बाधाओं को दूर करते हैं और समग्र कल्याण को बढ़ाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज कुछ खास वस्तुओं का दान करने से जीवन में पुण्य, शांति और समृद्धि आती है।
चौथे बड़े मंगल का महत्व
ज्येष्ठ माह में सभी बड़े मंगल शुभ माने जाते हैं, लेकिन चौथा मंगल विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी दान, विशेष रूप से भगवान हनुमान के नाम पर, कई गुना आध्यात्मिक पुण्य देता है। कई लोग भंडारे भी आयोजित करते हैं, हनुमान मंदिरों में जाते हैं और पीपल के पेड़ों के नीचे दीपक जलाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ये कार्य ग्रहों के कष्टों को कम करते हैं और दैवीय सुरक्षा प्रदान करते हैं।
चौथे बड़े मंगल पर दान करने के लिए 5 शुभ वस्तुएँ
गुड़ और चना: गरीबों को गुड़ और भुने हुए चने का भोग लगाना हनुमान जी को स्वयं भोग लगाने का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इससे आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं और अच्छी सेहत और धन की प्राप्ति होती है।
लाल कपड़ा या अंग वस्त्र: हनुमान जी को लाल रंग बहुत पसंद है। ब्राह्मणों, साधुओं या जरूरतमंदों को लाल रंग के कपड़े दान करने से मन को शांति मिलती है, नकारात्मकता दूर होती है और आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
छाता और पानी का घड़ा: ज्येष्ठ की भीषण गर्मी में यात्रियों या मंदिरों के लिए छाता और पानी का घड़ा जैसी राहत सामग्री उपलब्ध कराना एक पुण्य कार्य माना जाता है। इससे न केवल तुरंत पुण्य मिलता है बल्कि पारिवारिक सौहार्द भी बढ़ता है।
केला और मौसमी फल: गरीबों, बच्चों या भक्तों को ताजे फल दान करना भगवान हनुमान का आशीर्वाद पाने और दीर्घायु और जीवन शक्ति को बढ़ावा देने का एक सरल लेकिन अत्यधिक प्रभावी तरीका है।
पूजा सामग्री और सरसों का तेल: धूप, दीप, तेल और घी जैसी पूजा की आवश्यक वस्तुओं का दान करना - विशेष रूप से मंदिर में उपयोग के लिए - सात्विक ऊर्जा को संतुलित करने और दैवीय कृपा को आमंत्रित करने में मदद करता है।
दान अनुष्ठान कैसे करें
सुबह जल्दी उठें और यदि उपलब्ध हो तो गंगा जल से स्नान करें।
हनुमान चालीसा का जाप करके और सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी की पूजा करें।
शुद्ध इरादे और बिना अभिमान के दान करें।
यदि संभव हो तो गायों, बंदरों और गरीबों को भोजन खिलाएं।
हनुमान मंदिर जाएँ और सुरक्षा के लिए अपनी कलाई पर लाल धागा (मौली) बाँधें।
यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat Rules: प्रदोष व्रत में इन 5 बातों का विशेष रखें ख्याल