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Ekadashi in May 2025: मई महीने में कब-कब है एकादशी व्रत, जान लें सही तिथि और मुहूर्त

हर महीने की तरह मई महीने में भी दो एकादशी पड़ेंगी। पहली मोहिनी एकादशी और दूसरी अपरा एकादशी।
10:53 AM May 01, 2025 IST | Preeti Mishra

Ekadashi in May 2025: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व है। हिंदू कैलेंडर में प्रत्येक चंद्र पखवाड़े का 11वां दिन, एकादशी तिथि सनातन धर्म में बहुत आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह (Ekadashi in May 2025) भगवान विष्णु को समर्पित है और महीने में दो बार -शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष- के दौरान मनाया जाता है। माना जाता है कि एकादशी पर उपवास करने से पाप धुल जाते हैं, मन शुद्ध होता है और आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है।

हर महीने की तरह मई महीने में भी दो एकादशी (Ekadashi in May 2025) पड़ेंगी। पहली मोहिनी एकादशी और दूसरी अपरा एकादशी। आइये जानते हैं दोनों एकादशियों की तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।

कब है मोहिनी एकादशी 2025?

मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2025) वैशाख (अप्रैल-मई) के महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला एक पवित्र दिन है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है, जो समुद्र मंथन के दौरान देवताओं के बीच अमृत वितरित करने के लिए मोहिनी के आकर्षक रूप में प्रकट हुए थे। माना जाता है कि मोहिनी एकादशी का पालन करने से पापों का नाश होता है, शांति मिलती है और आत्मा मोक्ष की ओर अग्रसर होती है।

द्रिक पंचांग के अनुसार, मई महीने में मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को रखा जाएगा। वैसे तो एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10:19 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 8 मई को दोपहर 12:29 मिनट पर होगा। लेकिन उदयातिथि के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को रखा जाएगा।

कब है अपरा एकादशी 2025?

अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2025) ज्येष्ठ (मई-जून) के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र उपवास दिवस है। "अपरा" का अर्थ है असीम, जो इस एकादशी को भक्ति के साथ मनाने से मिलने वाले असीम आशीर्वाद का प्रतीक है। भक्त उपवास करते हैं, विष्णु मंत्रों का जाप करते हैं और विष्णु सहस्रनाम जैसे शास्त्रों का पाठ करते हैं। यह एकादशी विशेष रूप से उन लोगों के लिए अनुशंसित है जो क्षमा, आत्मा की शुद्धि और जीवन में सफलता चाहते हैं।

ड्रिंक पंचांग के अनुसार, 23 मई, शुक्रवार को अपरा एकादशी व्रत रखा जाएगा। वहीँ व्रत के बाद पारण का समय 24 मई को सुबह 06:01 से सुबह 08:39 के बीच है। एकादशी तिथि प्रारंभ 23 मई को रात 01:12 बजे से होगी वहीं इसकी समाप्ति 23 मई को रात 10:29 बजे होगी। हिन्दू धर्म में उदयातिथि की मान्यता होती है इसलिए इसके अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा।

एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। इसे भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए सबसे पवित्र दिन माना जाता है। एकादशी पर उपवास करने से मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने में मदद मिलती है, और माना जाता है कि यह पापों को नष्ट करता है और मोक्ष प्राप्त करने में सहायता करता है। यह दिन अनुशासन, भक्ति और आत्म-नियंत्रण को बढ़ावा देता है। अनाज और नकारात्मक विचारों से दूर रहकर, भक्त प्रार्थना, भजन और शास्त्रों को पढ़ने में संलग्न होते हैं।

एकादशी को शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने और मानसिक एकाग्रता में सुधार करने से भी जोड़ा जाता है। यह आध्यात्मिक उत्थान की ओर एक कदम का प्रतीक है और सत्य और दिव्य कृपा के साधकों द्वारा पूजनीय है।

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