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Dhanteras 2025: धनतेरस 18 अक्टूबर को, जानें कैसा होगा आपकी राशि पर प्रभाव

धनतेरस दिवाली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
04:42 PM Oct 16, 2025 IST | Preeti Mishra
धनतेरस दिवाली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

Dhanteras 2025: धनतेरस दिवाली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सोना, चांदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। यह दिन स्वास्थ्य, समृद्धि और धन की प्राप्ति का प्रतीक है, जो हर घर में खुशहाली लाता है। धनत्रयोदशी या धनतेरस18 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जायेगी।

कब करें धनतेरस की पूजा?

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते हैं कि हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि में समुद्र मंथन के समय आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वन्तरि अमृत का कलश लेकर निकले थे, इस लिए इस तिथि को धनवन्तरी जयन्ती भी कहते है। धनत्रयोदशी के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से पूरे वर्ष भर आरोग्यता बनी रहती है।

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार, इस वर्ष धनत्रयोदशी के दिन 18 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 01:20 तक द्वादशी तिथि है। उसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होकर दूसरे दिन दोपहर 01:54 तक रहेगी। अतः धनत्रयोदशी अर्थात धनतेरस का पर्व शनिवार को ही मनाया जाना शुभ है। शनिवार को सायं काल गोधूली वेला में त्रयोदशी तिथि मिल रही है अतः इस वार की धनत्रयोदशी अत्यन्त ही शुभ मानी जा रही है।

                                                   ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय

धनतेरस में खरीददारी करने का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय बताते है कि धन त्रयोदशी के दिन कुबेर, गणेश व लक्ष्मी जी के पूजन का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है। व्यापारी वर्ग को चाहिए की धन त्रयोदशी के दिन ही अपने व्यापारिक स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि बेला वृष लग्न में पूजन करें जो सायं 06:59 से 08:56 तक व रात्रि काल सिंह लग्न रात्रि 01:27 से 03:41 बजे तक है। इस लग्न में गणेश लक्ष्मी व कुबेर जी का पूजन करें जिससे पूरे वर्ष भर व्यापार में बढोत्तरी होती रहती है व लक्ष्मी गणेश व कुबेर जी की कृपा सदैव बनी रहती है।

पंडित राकेश पांडेय बताते हैं कि धर्मशास्त्रों के अनुसार, धन त्रयोदशी तिथि में नया बर्तन, चाँदी, सोना इत्यादि खरीदना चाहिए। ऐसा माना जाता है की इस दिन धातु के बर्तन या अन्य वस्तुएँ खरीदना शुभप्रद होता है। ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार, धनतेरस के दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 02:21 से 03:52 व सायं 06:30 08:56 तक है।

विभिन्न राशि के लोगों के लिए कैसा रहेगा धनतेरस का पर्व

मेष-व्यापार में वृद्धि व धन लाभ।
वृष-रोग से भय भगवान शिव की उपासना से लाभ ।
मिथुन-धनप्राप्ति व्यापार में वृद्धि परन्तु स्वास्थ के प्रति सावधान रहें।
कर्क-शत्रु से भय भगवती की उपासना करे सफेद वस्तुएं दान करने से लाभ।
सिंह-आकस्मिक धन लाभ रुके हुए कार्य सम्पन्न होंगे। परन्त किसी को धन सोच समझकर दें।
कन्या-व्यापार में वृद्धि परन्तु मानसिक कष्ट हो सकते है श्री गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
तुला-अपव्य परन्तु भगवान शिव के आराधना से कार्यों में सफलता प्राप्ति
वृश्चिक-निरर्थक भागदौड़ परन्तु हनुमान जी की आराधना करें, लाल वस्तुएं दान करें समस्याएं दूर होंगी।
धनु-अचानक धन लाभ,व्यापार में वृद्धि।
मकर-रोग की बाहुल्यता परन्तु हनुमान जी आराधना करने से लाभ।
कुम्भ-कार्यों में वृद्धि व धन लाभ।
मीन-मानसिक कष्ट परन्तु पीले वस्तुओं के दान के पश्चात लाभ सम्भव।

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