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Mahashivratri Celebration: महाशिवरात्रि पर भोर से ही मंदिरों में लगा है भक्तों का मेला, हर तरफ हर-हर महादेव की गूंज

हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि आज पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
07:30 AM Feb 26, 2025 IST | Preeti Mishra
हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि आज पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
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Mahashivratri Celebration: हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि आज पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही, भक्त शिव मंदिरों में उमड़ पड़े हैं। लोग भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद (Mahashivratri Celebration) पाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और अनुष्ठान कर रहे हैं। वातावरण "हर हर महादेव" और "ओम नमः शिवाय" की गूँज से भर गया है।

मंदिरों में सुबह से ही भारी भीड़ देखी गई

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन में महाकालेश्वर, गुजरात में सोमनाथ, उत्तराखंड में केदारनाथ और रामेश्वरम में रामनाथस्वामी जैसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है। कई भक्त आज भगवान शिव का आशीर्वाद (Mahashivratri Celebration) पाने के लिए व्रत रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और शिव मंत्रों का जाप करते हैं। दूध, शहद, घी और पवित्र जल से शिवलिंग का अभिषेक दिन के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है।

उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में ब्रह्म मुहूर्त में की गई भव्य भस्म आरती ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। काशी विश्वनाथ मंदिर में लगातार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष षोडशोपचार पूजा की जा रही है। भक्त अपनी प्रार्थना के रूप में बेलपत्र, फल और भांग चढ़ा रहे हैं।

सुबह से ही कई भक्तों (Mahashivratri 2025) को भगवा या सफेद कपड़े पहने, भगवान शिव को चढ़ाने के लिए गंगा जल ले जाते हुए देखा गया है। कुछ लोग मंदिरों की परिक्रमा कर रहे हैं, जबकि अन्य आध्यात्मिक ज्ञान के लिए ध्यान कर रहे हैं और "ओम नमः शिवाय" का जाप कर रहे हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर के एक भक्त ने बताया कि महाशिवरात्रि हम शिव भक्तों के लिए सबसे पवित्र दिन है। यहां काशी में होने, बाबा विश्वनाथ की पूजा करने और हर हर महादेव के निरंतर मंत्रों को सुनने से सभी का दिल असीम शांति और भक्ति से भर जाता है।

पूरे देश में हर हर महादेव की गूंज

यह पर्व (Mahashivratri 2025 Date)केवल मंदिरों तक ही सीमित नहीं है; हर गली, घर और मुहल्ला हर हर महादेव और ओम नमः शिवाय मंत्र से गूंज रहा है। विभिन्न शहरों में शिव बारात जुलूस निकाले जाने से हर जगह दिव्य उत्साह महसूस किया जा सकता है। भगवान शिव और उनके अनुयायियों के वेश में भक्त नाचते, गाते और त्योहार की आध्यात्मिक ऊर्जा फैलाते हुए दिखाई देते हैं। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में भव्य महाशिवरात्रि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जहां भजन और कीर्तन की प्रस्तुतियां भक्तों का मन मोह रही हैं।

महाशिवरात्रि पर होती है चार प्रहर की पूजा

आज के दिन लाखों भक्त निर्जला या फलाहार व्रत रखे हैं, क्योंकि माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर उपवास करने से आत्मा शुद्ध होती है और दिव्य आशीर्वाद मिलता है। कई लोग दूध, फल, सूखे मेवे और साबूदाना से बने व्यंजन खाते हैं जबकि सख्त उपवास रखने वाले लोग केवल पानी पर निर्भर रहते हैं। भक्त रुद्राभिषेक करने के लिए मंदिरों जा रहे हैं। कई मंदिरों में आज चार प्रहर पूजा ( (Mahashivratri Chaar Prahar Puja) का आयोजन किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि रात के चारों चरणों के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से परम आध्यात्मिक विकास, समृद्धि और मुक्ति मिलती है।

इन मंदिरों पर हो रहा है भव्य आयोजन

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी - हजारों भक्त विशेष रुद्राभिषेक अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं।
महाकालेश्वर, उज्जैन - प्रसिद्ध भस्म आरती में भारी भीड़ उमड़ी।
सोमनाथ, गुजरात - 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, सोमनाथ में जुलूस और सांस्कृतिक प्रदर्शन सहित भव्य शिवरात्रि उत्सव मनाया जा रहा है।
बैद्यनाथ धाम, झारखंड- यहां एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े होते हैं।
केदारनाथ, उत्तराखंड - हालांकि मंदिर सर्दियों के दौरान बंद रहता है, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में विशेष पूजा की जाती है, जहां ऑफ सीजन में केदारनाथ देवता की पूजा की जाती है।

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। यह वह दिन भी माना जाता है जब भगवान शिव ने तांडव, सृजन और विनाश का ब्रह्मांडीय नृत्य किया था। भक्तों का मानना ​​है कि इस रात प्रार्थना करने से पाप दूर होते हैं, इच्छाएं पूरी होती हैं और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

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