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Dev Deepawali Shubh Muhurat: देव दिवाली आज, जानें शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त

आज शाम वाराणसी में गंगा नदी के तट पर सभी घाटों पर लाखों दिए जलाए जाते हैं। आज काशी स्वर्ग सी दिखती है।
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Dev Deepawali Shubh Muhurat: आज देव दिवाली है। यह त्योहार प्रति वर्ष शिव की नगरी वाराणसी में भव्य तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव की त्रिपुरासुर नामक दैत्य पर विजय को चिह्नित करने हेतु मनाया जाता है। इसीलिये देव दीपावली (Dev Deepawali Shubh Muhurat) को त्रिपुरोत्सव अथवा त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। आज कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि है, इसलिए आज कार्तिक पूर्णिमा भी मनाया जाता है।

देव दीपावली (Dev Deepawali Shubh Muhurat) पर श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करते हैं और शाम को दिए जलाते हैं। आज शाम वाराणसी में गंगा नदी के तट पर सभी घाटों पर लाखों दिए जलाए जाते हैं। आज काशी स्वर्ग सी दिखती है। मान्यता है कि आज के दिन देवता वाराणसी में गंगा स्नान करने धरती पर आते हैं।

Dev Diwali Shubh Muhuratदेव दिवाली शुभ मुहूर्त

देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 05 नवम्बर को रात 10:36 बजे होगी समापन 05 नवम्बर को शाम 06:48 बजे होगा। चूंकि देव दीपावली शाम में ही मनाई जाती है इसलिए यह पर्व बुधवार, 05 नवम्बर को मनाया जाएगा। प्रदोष काल में देव दीपावली पूजा मुहूर्त शाम 05:15 बजे से शाम 07:50 बजे तक कुल 02 घण्टे 35 मिनट के लिए रहेगा।

Dev Diwali Shubh Muhuratदेव दिवाली का महत्व

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। देव दिवाली शैतान पर भगवान शिव की विजय का जश्न मनाती है। यह त्योहार शिव के पुत्र भगवान कार्तिक की जयंती का भी जश्न मनाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन, हिंदू देवता बुराई पर अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए स्वर्ग से आते हैं। वे पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए भी इकट्ठा होते हैं, जिसे स्थानीय तौर पर 'कार्तिक स्नान' के नाम से जाना जाता है।

लोगों का ऐसा मानना ​​है कि पवित्र गंगा में स्नान करने से उनके पाप धुल जाते हैं और उनके घरों में समृद्धि आती है। इसके अलावा, श्रद्धालु शाम को मिट्टी के दीपक जलाते हैं और जैसे ही रात होती है, लाखों मिट्टी के दीये गंगा के किनारे सभी मंदिरों की सीढ़ियों को रोशन करते हैं।

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