December 2025 Vrat Tyohar: मोक्षदा एकादशी से लेकर गुरु गोविन्द सिंह जयंती तक, देखें त्योहारों की लिस्ट
December 2025 Vrat Tyohar: आज से साल का आखिरी महीना दिसंबर शुरू हो गया है। हर महीने की तरह इस महीने में भी हिंदू धर्म के कई प्रमुख व्रत और त्योहार (December 2025 Vrat Tyohar) मनाए जाएंगे। इस महीने की शुरुआत ही मोक्षदा एकादशी से हो रही है। इसके अलावा भी इसी महीने सफला और पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा।
इसी महीने गीता जयंति और मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत भी किया जाएगा। दिसंबर में 25 तारीख को क्रिसमस और 27 तारीख को गुरु गोबिंद सिंह जयंति भी मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस महीने में आने वाले सभी प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में
दिसंबर महीने का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में दिसंबर का गहरा धार्मिक महत्व है क्योंकि यह मार्गशीर्ष महीने के समापन का पवित्र समय होता है। भक्त गीता जयंती, और मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रस्में करते हैं। यह महीना दान, व्रत और आध्यात्मिक कामों के लिए बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह मन की पवित्रता और भक्ति को बढ़ाता है। बहुत से लोग सत्यनारायण कथा, दान, जप और तीर्थ यात्रा करते हैं। माना जाता है कि सर्दियों का ठंडा, शांत माहौल मेडिटेशन और मन की शांति को बढ़ावा देता है। इस तरह, दिसंबर आध्यात्मिक रूप से अच्छा करने वाला समय बन जाता है जो पूजा और भगवान के आशीर्वाद के लिए होता है।
दिसम्बर माह के व्रत एवं त्यौहार
दिसंबर का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस पूरे माह में कई व्रत, पर्व और पावन तिथियां आने वाली हैं, जो जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य का संचार करती हैं।
01 दिसंबर, सोमवार- मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
02 दिसंबर, मंगलवार- प्रदोष व्रत
04 दिसंबर, गुरुवार- अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती और मार्गशीर्ष पूर्णिमा
05 दिसंबर 2025, शुक्रवार- पौष माह शुरु
07 दिसंबर, रविवार- संकष्टी चतुर्थी
15 दिसंबर, सोमवार- सफला एकादशी
16 दिसंबर, मंगलवार- खरमास की शुरुआत
17 दिसंबर, बुधवार-प्रदोष व्रत
19 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या
24 दिसंबर, बुधवार- विनायक चतुर्थी
25 दिसंबर 2025, गुरुवार-क्रिसमस
27 दिसंबर, शनिवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती
30 दिसंबर, मंगलवार- पौष पुत्रदा एकादशी
31 दिसंबर, बुधवार- बैकुंठ एकादशी
यह भी पढ़ें: Keshav Dwadashi 2025: कब है केशव द्वादशी, जानें तिथि और क्यों मनाया जाता है यह पर्व