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Ayodhya Ram Mandir: 5 जून को राम दरबार की होगी प्राण प्रतिष्ठा, तीन दिन का होगा समारोह

यह कार्यक्रम एक गहन धार्मिक अवसर होगा, जो आस्था और परंपरा पर केंद्रित होगा, और अयोध्या की आध्यात्मिक विरासत में अगले अध्याय की शुरुआत करेगा।
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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम दरबार और राम मंदिर परिसर के भीतर 14 नए मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर होगी। राम मंदिर में दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा (Ayodhya Ram Mandir) होगी। इससे पहले जनवरी 2024 में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया, जिसमें राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।

आगामी जून में होने वाला कार्यक्रम राजनीतिक हस्तियों की मौजूदगी के बिना धार्मिक परंपरा और आध्यात्मिक नेताओं की उपस्थिति में होगी। अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में 5 जून को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह वैदिक विद्वानों के नेतृत्व में एक भव्य, तीन दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम होगा, जिसमें धार्मिक नेता भी शामिल होंगे, जो मंदिर के निर्माण और 14 नए मंदिरों की स्थापना के पूरा होने का प्रतीक होगा।

यह कार्यक्रम एक गहन धार्मिक अवसर होगा, जो आस्था और परंपरा पर केंद्रित होगा, और अयोध्या की आध्यात्मिक विरासत में अगले अध्याय की शुरुआत करेगा।

Ayodhya Ram Mandir: 5 जून को राम दरबार की होगी प्राण प्रतिष्ठा, तीन दिन का होगा समारोह

मुख्य तिथियां और कार्यक्रम

30 मई, 2025: परिसर के अंदर शिव मंदिर में शिव लिंग की स्थापना के साथ प्रारंभिक अनुष्ठान शुरू होंगे।
3-5 जून, 2025: तीन दिवसीय भव्य धार्मिक उत्सव, जिसका समापन 5 जून को मुख्य प्रतिष्ठा समारोह में होगा।
5 जून, 2025: राम दरबार और 14 मंदिरों की मुख्य प्राण प्रतिष्ठा, मंदिर के प्रमुख निर्माण चरण के पूरा होने का प्रतीक है।

काशी और अयोध्या के 101 वैदिक विद्वानों की देखरेख में वैदिक परंपरा से परिपूर्ण समारोह आयोजित किए जाएँगे। अनुष्ठानों में यज्ञशाला की पूजा, वाल्मीकि रामायण का पाठ, मंत्रों का जाप, चारों वेदों का पाठ और अन्य पारंपरिक समारोह शामिल हैं।

Ayodhya Ram Mandir: 5 जून को राम दरबार की होगी प्राण प्रतिष्ठा, तीन दिन का होगा समारोह

कौन-कौन भाग लेगा?

आध्यात्मिक नेता: इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक नेता शामिल होंगे, जो अंतर-धार्मिक सद्भाव और इस अवसर के आध्यात्मिक महत्व पर जोर देंगे।
पुजारी: राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा का नेतृत्व करने के लिए 30 मई तक ग्यारह पुजारी अयोध्या पहुंचेंगे, जिसमें कुल 101 वैदिक विद्वान व्यापक अनुष्ठानों की देखरेख करेंगे।
कोई राजनीतिक या वीआईपी उपस्थिति नहीं: जनवरी 2024 के अभिषेक के विपरीत, इस समारोह में केंद्र या राज्य सरकारों के वीआईपी या राजनीतिक नेता शामिल नहीं होंगे। राजनीतिक उपस्थिति के बजाय धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
भक्त: बड़ी संख्या में भक्तों के समारोह देखने की उम्मीद है, जो राम मंदिर परिसर के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाएगा।

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