वैशाख पूर्णिमा पर इन मंत्रों के जप से प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी
Vaishakh Purnima 2025: वैशाख के पवित्र महीने में पड़ने वाली बैशाख पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमा तिथियों में से एक है। इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा सोमवार , 12 मई को मनाई जाएगी और यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखती है। इस शुभ दिन पर, माता तुलसी की विशेष पूजा अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि उन्हें भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी और पवित्रता और भक्ति का पवित्र अवतार माना जाता है।
वैशाख पूर्णिमा पर भक्तिपूर्वक तुलसी माता की पूजा करने से धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पूजा करने और उनके शक्तिशाली मंत्रों का जाप करने से भक्त गरीबी को दूर कर सकते हैं, घर में सद्भाव ला सकते हैं और प्रचुरता और कल्याण के लिए दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
वैशाख पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
वैशाख पूर्णिमा एक अत्यंत शुभ तिथि है क्योंकि यह भगवान बुद्ध की जयंती, सत्यनारायण व्रत का दिन है और वैष्णव और शैव परंपराओं में इसका महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन प्रार्थना करने, पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत रखने और दान-पुण्य करने से पापों का नाश होता है और आध्यात्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस मौसम में गर्मी की तपिश आंतरिक अशुद्धियों को जलाने का भी प्रतीक है। भक्त इस पूर्णिमा पर आध्यात्मिक अभ्यास के माध्यम से आंतरिक शांति, स्पष्टता और ईश्वर के साथ गहरा संबंध चाहते हैं।
वैशाख पूर्णिमा पर तुलसी की पूजा क्यों करें?
तुलसी, जिसे वृंदा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में बहुत पूजनीय है। माना जाता है कि वह स्वयं लक्ष्मी का सांसारिक रूप है। शास्त्रों के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते चढ़ाने या तुलसी पूजा करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाकर उनके मंत्रों का जाप करने से घर में शांति आती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और समृद्धि आती है।
वैशाख पूर्णिमा पर जपने योग्य शक्तिशाली तुलसी मंत्र
यहां तुलसी माता को समर्पित कुछ पवित्र मंत्र दिए गए हैं जिनका जाप आप मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वैशाख पूर्णिमा पर कर सकते हैं:
तुलसी स्तुति मंत्र:
“वृन्दयै तुलसीदेव्यै प्रियायै केशवस्य च
विष्णुभक्तिप्रदे देवि सत्यवत्यै नमो नमः''
तुलसी गायत्री मंत्र:
“ॐ तुलस्यै विद्महे विष्णु प्रियाये धीमहि
तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्''
तुलसी प्रार्थना:
“नमस्तुलसि कल्याणी नमः विष्णुप्रिये शुभे।”
नमः पुण्य सारे तुलसी पापं हर हरिप्रिये"
बैशाख पूर्णिमा पर तुलसी पूजा कैसे करें
ब्रह्म मुहूर्त में सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
तुलसी के पौधे के आस-पास की जगह को साफ करें और उसे रंगोली और फूलों से सजाएँ।
तुलसी देवी को ताज़ा जल, कच्चा दूध, कुमकुम, चंदन और फूल चढ़ाएँ।
तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीया जलाएँ।
ऊपर बताए गए मंत्रों का पूरी श्रद्धा से जाप करें।
भोग (मिठाई, फल) चढ़ाएँ और आरती करें।
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