Chandra Grahan 2025: इस दिन लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, बरतें ये सावधनियां
Chandra Grahan 2025: इस वर्ष मार्च महीने के बाद सितम्बर महीने में एक और चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। गौरतलब है की जिस दिन यह चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) लगेगा उसी दिन से पितृ पक्ष की भी शुरुआत होगी।
चंद्र ग्रहण तारीख, समय और सूतक काल
द्रिक पंचांग के अनुसार, साल का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। यह 7 सितंबर की रात 09:58 बजे शुरू होगा और इसका समापन सुबह 01:26 मिनट पर होगा। ग्रहण की अवधि कुल 3 घण्टे 28 मिनट और 02 सेकण्ड रहेगी। चंद्रग्रहण रात 11:00 बजे से 12:22 बजे तक अपने चरम यानी पीक पर होगा। ग्रहण के दिन सूतक काल दोपहर 12:04 मिनट पर शुरू हो जायेगा और इसकी समाप्ति सुबह 01:26 मिनट पर होगी।
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक काल शाम 06:20 पर प्रारम्भ होगा और इनके लिए सूतक काल की समाप्ति, ग्रहण (Chandra Grahan 2025 Sutak Kaal) के समापन के साथ सुबह 01:26 बजे होगी।
इस बार होगा पूर्ण चंद्र ग्रहण
इस चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) में चंद्रमा पूरी तरह से छिपा रहेगा। इसके अलावा, इस दिन चंद्रमा पूरी तरह से लाल दिखाई देगा, रक्त के समान। ज्योतिष में, चंद्र ग्रहण को एक प्रमुख खगोलीय घटना माना जाता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण को ब्लड मून के रूप में जाना जाता है। यह घटना तब होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं, जिससे पृथ्वी की पूरी छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है।
इसके अलावा, जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढका होता है, तो उस पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ता है और वह काला दिखने के बजाय रक्त-लाल रंग का हो जाता है। आइए जानें कि भारत में यह चंद्र ग्रहण कब और कहाँ देखा जा सकता है।
भारत में कहां-कहां दिखेगा ये चंद्र ग्रहण
रविवार, 7 सितंबर, 2025 को भारत सहित दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इस दौरान, आकाश में चंद्रमा पूरी तरह से लाल और तांबे के रंग का दिखाई देगा। यह घटना चंद्रमा को सामान्य से अधिक मनमोहक और सुंदर बनाती है। खगोल विज्ञान में, इस अनोखी घटना को ब्लड मून कहा जाता है।
आगामी पूर्ण चंद्र ग्रहण दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, लखनऊ, बैंगलोर और गोवा सहित कई प्रमुख भारतीय शहरों (Chandra Grahan 2025 In India) में दिखाई देगा। गौरतलब है कि इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल भी लग रहा है, जिसे हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रबल होती है। इसलिए, मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं और कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतने और घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सूतक काल गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
हिन्दु धर्म और चन्द्र ग्रहण
हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना माना जाता है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये विचारणीय होते हैं। सभी परम्परागत पञ्चाङ्ग केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं।
यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है।
चंद्र ग्रहण में बरतें ये सावधनियाँ
- कुछ भी खाने-पीने से बचें, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष रूप से कुछ न खाने की सलाह दी जाती है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे गर्भस्थ शिशु पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
- ग्रहण के दौरान सोने से मना किया जाता है; इसके बजाय, लोग मंत्र जाप या प्रार्थना करते हैं।
- कई लोग ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करते हैं। घर में रखे भोजन और पानी पर गंगाजल छिड़कना नकारात्मक प्रभावों से बचाने का एक आम तरीका है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ नमो नारायणाय" जैसे मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद, लोग आमतौर पर स्नान करते हैं और कपड़े बदलते हैं। कुछ लोग विशेष रूप से ज़रूरतमंदों को भोजन, कपड़े या धन का दान भी करते हैं।
- हालाँकि कई परंपराएँ सांस्कृतिक और धार्मिक होती हैं, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, चंद्र ग्रहण के दौरान खाने, पीने या बाहर निकलने में कोई सिद्ध नुकसान नहीं है।
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