BAPS के संतों ने अमेरिका में ईसाई नेताओं से की सौहार्दपूर्ण मुलाकात
BAPS Saints Meet: परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की ओर से ब्रह्मविहारीदास स्वामी, विवेकमूर्तिदास स्वामी, और शुकमुनिदास स्वामी आदि संतों ने चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर डे सेंट्स फर्स्ट प्रेसीडेंसी के प्रमुख सदस्यों डैलिन एच ओक्स और हेनरी बी आइरिंग से साल्ट लेक सिटी, यूटा, अमेरिका में मुलाकात की।
इस अवसर पर संतों ने वेलफेयर स्क्वायर पर डेझेरेट इंडस्ट्रीज और ऐतिहासिक टेम्पल स्क्वायर पर कॉन्फ्रेंस सेंटर जैसे विभिन्न चर्चों (BAPS Saints Meet) का दौरा किया।
चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स के हैं 1.7 करोड़ सदस्य
चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स, जिसे दुनिया भर में मॉर्मन चर्च के रूप में जाना जाता है, के 160 देशों में 30,000 मण्डलियों में लगभग 1.7 करोड़ लोग सदस्य हैं। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, फर्स्ट प्रेसीडेंसी ने BAPS संतों का गर्मजोशी से स्वागत किया। बैठक में दुनिया में शांति, सद्भाव और एकता के महत्व पर चर्चाएँ की गयीं।
इस बैठक में क्वारम ऑफ ट्वेल्व एपोस्टल्स के एल्डर डेविड ए बेडनार, एल्डर पैट्रिक कीरोन, मध्य पूर्व/अफ्रीका उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष एल्डर एंथनी डी पर्किन्स और चर्च संचार विभाग के कार्यकारी निदेशक एल्डर मैथ्यू एस हॉलैंड भी उपस्थित थे।
चर्च के प्रतिनिधि विशेष रूप से BAPS हिंदू मंदिर, अबू धाबी (Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha) के बारे में जानकर प्रभावित हुए, जो दुनिया में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच वैश्विक सद्भाव और सह-अस्तित्व का एक प्रेरक उदाहरण बन गया है।
जानें BAPS हिन्दू मंदिर, अबू धाबी के बारे में
अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर आध्यात्मिक एकता और सांस्कृतिक सद्भाव का एक शानदार उदाहरण है। गुलाबी राजस्थानी बलुआ पत्थर और इतालवी संगमरमर से बना यह पारंपरिक पत्थर का मंदिर मध्य पूर्व में अपनी तरह का पहला मंदिर है, जो पूजा और चिंतन के लिए एक शांत अभयारण्य प्रदान करता है।
इस मंदिर का ऐतिहासिक उद्घाटन 14 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह मंदिर भारत-यूएई सांस्कृतिक कूटनीति में एक मील का पत्थर साबित होगा।
27 एकड़ में फैला, मंदिर 108 फीट ऊँचा है, जिसका आयाम 262×180 फीट है, जिसमें 7 शिखर हैं जो सात यूएई अमीरात के प्रतीक हैं। 25,000 से अधिक जटिल नक्काशीदार पत्थर के टुकड़ों से मंदिर का निर्माण हुआ है।
इस मंदिर में कोई स्टील बीम नहीं है और यह पारंपरिक इंटरलॉकिंग स्टोन तकनीकों का उपयोग करके बनाया गया है। मंदिर के सात तीर्थस्थलों में विभिन्न हिंदू परंपराओं के देवता - स्वामीनारायण, राधा‑कृष्ण, राम‑सीता, शिव-पार्वती, वेंकटेश्वर‑पद्मावती, जगन्नाथ‑बलभद्र‑सुभद्रा, और अयप्पा- स्थापित हैं।
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