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Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है बड़ा मंगल, जानें तिथि और मुहूर्त

बड़ा मंगल विशेष रूप से उत्तर भारत में बहुत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
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Bada Mangal 2025: बड़ा मंगल हिंदू महीने ज्येष्ठ में हर मंगलवार को मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह पर्व भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है। बड़ा मंगल ज्येष्ठ में पड़ने वाले सभी मंगलवार को मनाया जाएगा। बड़ा मंगल (Bada Mangal 2025) उत्तर प्रदेश खास तौर पर लखनऊ में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन पुरे लखनऊ में कोई भूखा नहीं सो सकता है। जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया जाता है।

कब-कब मनाया जाएगा बड़ा मंगल?

इस साल बड़ा मंगल 13 मई को शुरू होगा। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी मंगलवार बड़े मंगल (Bada Mangal 2025) के रूप में मनाए जाएंगे।

पहला बड़ा मंगल- 13 मई, दिन मंगलवार
दूसरा बड़ा मंगल- 20 मई, दिन मंगलवार
तीसरा बड़ा मंगल- 27 मई, दिन मंगलवार
चौथा बड़ा मंगल- 2 जून, दिन मंगलवार
पांचवा बड़ा मंगल- 10 जून, दिन मंगलवार

Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है बड़ा मंगल, जानें तिथि और मुहूर्त

बड़ा मंगल का महत्व

बड़ा मंगल विशेष रूप से उत्तर भारत में बहुत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि यह वह दिन था जब भगवान हनुमान पहली बार भगवान राम से मिले थे, जो उनकी दिव्य सेवा की शुरुआत का प्रतीक था। हिंदू महीने ज्येष्ठ में मंगलवार को मनाया जाने वाला बड़ा मंगल शक्ति, सुरक्षा और आशीर्वाद से जुड़ा है। भक्त भगवान हनुमान को प्रार्थना, मिठाई और तेल के दीपक चढ़ाते हैं, बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति की कामना करते हैं। भंडारे आयोजित करने की परंपरा सेवा और दान के मूल्यों को दर्शाती है, जो बड़ा मंगल को भक्ति और सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक बनाती है।

बड़ा मंगल पूजा विधि

-सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और भगवान हनुमान से जुड़े रंग, साफ लाल या केसरिया कपड़े पहनें।
-अपने घर के मंदिर या उस स्थान को साफ करें जहां आप पूजा करेंगे।
-एक साफ लाल कपड़े पर भगवान हनुमान की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
-लाल फूल, तेल में मिला हुआ सिंदूर और चुनरी चढ़ाएं।

Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है बड़ा मंगल, जानें तिथि और मुहूर्त

-सरसों के तेल से भरा दीया जलाएं और इसे मूर्ति के सामने रखें।
-प्रसाद के रूप में बूंदी के लड्डू, केले या गुड़ चढ़ाएं।
-भक्ति के साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या अन्य हनुमान मंत्रों का पाठ करें।
-घंटियां बजाकर हनुमान आरती करके पूजा का समापन करें।
-परिवार और मेहमानों के बीच प्रसाद बाँटें।
-यदि संभव हो तो दान के कार्य के रूप में भंडारे में भाग लें या उसका आयोजन करें।

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