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Sawan Fourth Somvaar: आज सावन के आखिरी सोमवार को इस मंत्र के साथ करें जलाभिषेक, कष्ट हरेंगे महादेव

आज सावन का आखिरी सोमवार है और भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने की कोई भी सम्भावना नहीं छोड़ना चाहते हैं।
06:00 AM Aug 04, 2025 IST | Preeti Mishra
आज सावन का आखिरी सोमवार है और भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने की कोई भी सम्भावना नहीं छोड़ना चाहते हैं।

Sawan Fourth Somvaar: आज सावन का आखिरी सोमवार है और भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने की कोई भी सम्भावना नहीं छोड़ना चाहते हैं। ऐसे में आज तड़के से हो भक्तों की लंबी कतार शिव मंदिर में देखने को मिल रही है। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है और इस महीने के प्रत्येक सोमवार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, मंदिरों में जाते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।

यह दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए एक विशेष रूप से शुभ अवसर है। कहा जाता है कि सही मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से नकारात्मकता दूर होती है, बाधाएं दूर होती हैं और शांति एवं समृद्धि आती है।

सावन का अंतिम सोमवार इतना खास क्यों है?

सावन का चौथा सोमवार पूरे महीने भक्तों द्वारा की गई भक्ति का समापन उत्सव माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव इस अंतिम सोमवार को सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सावन के दौरान की गई उनकी प्रार्थना, तपस्या और उपवास का फल प्रदान करते हैं। यह उन लोगों के लिए भी एक अवसर है जो पिछले सोमवार को उपवास या पूजा करने से चूक गए थे, कि वे इस दिन को पूरी निष्ठा के साथ मनाकर अपनी कमी पूरी कर लें।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक मंत्र

जलाभिषेक करते समय इस पवित्र मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है "ॐ नमः शिवाय" । इस पंचाक्षरी मंत्र को वैदिक अध्यात्म की आत्मा माना जाता है। शिवलिंग पर जल या दूध, शहद या घी जैसे अन्य पवित्र प्रसाद चढ़ाते समय इसका जाप करने से अनुष्ठान की शक्ति बढ़ जाती है।

आप यह भी पढ़ सकते हैं:

"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
(आरोग्य और सुरक्षा के लिए महामृत्युंजय मंत्र)

सावन के आखिरी सोमवार को जलाभिषेक कैसे करें?

सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ़ या सफ़ेद वस्त्र पहनें।
किसी नज़दीकी शिव मंदिर जाएँ या घर में कोई पवित्र स्थान स्थापित करें।
शिवलिंग को जल या गंगाजल से शुद्ध करें।
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी का मिश्रण) अर्पित करें।
बिल्व पत्र, सफ़ेद फूल, धतूरा और चंदन का लेप चढ़ाएँ।
रुद्राक्ष की माला से 108 बार "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
घी का दीपक जलाएँ और धूप व फल अर्पित करें।
आरती करें और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

सावन सोमवार व्रत के लाभ

जीवन से बाधाओं और नकारात्मकता को दूर करता है।
विवाह संबंधी समस्याओं में सहायक (विशेषकर अविवाहित महिलाओं के लिए)
मानसिक शांति और भावनात्मक शक्ति प्रदान करता है।
करियर और आर्थिक सफलता लाता है।
दीर्घकालिक बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
मन और शरीर को शुद्ध करता है।

सावन के सोमवार को क्या न करें?

अपनी पूजा को और भी प्रभावशाली बनाने के लिए, इन कामों से बचें:

शिव जी को तुलसी के पत्ते न चढ़ाएँ—यह अशुभ माना जाता है।
मांसाहारी भोजन और शराब से बचें।
काले कपड़े न पहनें।
झूठ न बोलें और नकारात्मक व्यवहार न करें।
क्रोध और बहस से बचें, खासकर बड़ों या पुजारियों के साथ।

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