'ये तो बस वॉर्म अप था, पाकिस्तान ने फिर कुछ किया तो...', INS विक्रांत पर चढ़कर ऐसे गरजे राजनाथ सिंह! PAk की करदी बोलती बंद
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को एक ऐसी चेतावनी दी है जिसकी गूंज इस्लामाबाद के गलियारों तक सुनाई देगी। गोवा में आईएनएस विक्रांत के डेक पर खड़े होकर राजनाथ सिंह ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर कोई आखिरी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह तो सिर्फ एक "वॉर्म-अप" था। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर कोई गलती की, तो इस बार उसे संभलने का भी मौका नहीं मिलेगा।" यह बयान उस समय आया है जब भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में जबरदस्त प्रहार करके उसकी सैन्य ताकत को धूल चटा दी थी। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इस चेतावनी को गंभीरता से लेगा या फिर एक और सैन्य टकराव को न्यौता देगा?
नेवी तैयार... इस बार समुद्र से होगा पाक पर वार
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब तक की लड़ाई में भारतीय नौसेना ने सीधे हिस्सा नहीं लिया, लेकिन अगर पाकिस्तान ने फिर कोई धृष्टता की, तो इस बार समुद्र भी युद्ध का अखाड़ा बन सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अरब सागर में हमारी नौसेना की मौजूदगी ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके ही तटों तक सीमित कर दिया।
वे खुले समुद्र में निकलने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाए। यह बयान पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब केवल जमीन और हवा से ही नहीं, बल्कि समुद्र से भी उसे घेरने की ताकत रखता है। आईएनएस विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत भारत की समुद्री शक्ति का प्रतीक हैं, और पाकिस्तान के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
पाकिस्तानी नौसेना भारत का मुकाबला कर पाएगी?
भारतीय नौसेना की ताकत के आगे पाकिस्तानी नौसेना की स्थिति काफी दयनीय है। भारत के पास जहां विमानवाहक पोत, न्यूक्लियर सबमरीन और मॉडर्न वॉरशिप्स का बेड़ा है, वहीं पाकिस्तान की नौसेना पुराने जहाजों और चीन से मिली सहायता पर निर्भर है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही पाकिस्तानी नौसेना ने अपनी कमजोरी दिखा दी थी, जब उसके जहाज भारतीय नौसेना के दबाव में अपने ही बंदरगाहों में दुबके रहे। अगर अगली बार नौसेना भी एक्शन में आती है, तो पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा सैन्य संकट हो सकता है। क्या पाकिस्तान इस चुनौती को समझ पा रहा है, या फिर वह अपनी जिद पर अड़ा रहेगा?
कैसे भारत ने पाकिस्तान को घुटने टिकवाए?
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य रणनीति की एक बड़ी सफलता रही। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों और सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया। राजनाथ सिंह ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि हमारे वायुसेना के जवानों ने आसमान से पाकिस्तान को सबक सिखाया। लेकिन इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक और सैन्य, दोनों मोर्चों पर धूल चटा दी। पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग करके अपनी मजबूरी स्वीकार कर ली, लेकिन क्या वह अब भी भारत की ताकत को कम आंक रहा है?
राजनाथ सिंह ने क्या दावा किया?
रक्षा मंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा, "हमारी सेना का मनोबल पहाड़ों जैसा अडिग है, वायुसेना आसमान की ऊंचाइयों को छू रही है, और नौसेना का हौसला समुद्र से भी गहरा है।" यह बयान इस बात का संकेत है कि भारत अब पाकिस्तान को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। अगर पाकिस्तान ने फिर आतंकी हमलों या सीमा उल्लंघन की कोशिश की, तो भारत का जवाब और भी भयावह होगा। क्या पाकिस्तान इस चेतावनी को समझ पाएगा, या फिर वह एक और युद्ध को आमंत्रित करेगा?
क्या पाकिस्तान अब भी भारत की ताकत को कम आंक रहा है?
राजनाथ सिंह की चेतावनी साफ है कि भारत अब पाकिस्तान की किसी भी गुस्ताखी को बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत के पास सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बड़े सैन्य अभियान चलाने की क्षमता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इस संदेश को समझ पाएगा? अगर नहीं, तो अगली बार भारत की प्रतिक्रिया इतनी भयानक होगी कि पाकिस्तान को युद्ध के बाद उठ खड़े होने का मौका भी नहीं मिलेगा। अब यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह अपनी हरकतों से बाज आए या फिर एक और सैन्य तबाही को न्यौता दे।
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