PAK की नापाक नजर पहुंची थी स्वर्ण मंदिर तक, जवाब में भारतीय सेना ने तान दिया आसमान में सुरक्षा का 'लोहा जाल'…
अमृतसर की पवित्र धरती पर जब सुबह के पहले किरण फैल रही थी, तभी पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों की भनक ने भारतीय वायुसेना को सतर्क कर दिया। 8 मई की वह भोर जब पाकिस्तान ने सिखों के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने की नापाक कोशिश की, लेकिन भारत के स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही दुश्मन के सभी हथियारों को ध्वस्त कर दिया। बता दें कि यह कोई सामान्य घटना नहीं थी। यह भारत की सैन्य शक्ति और सतर्कता का वह प्रमाण था जिसने पाकिस्तान को एक बार फिर उसकी औकात बता दी!
PAK ने क्यों बनाया स्वर्ण मंदिर को टारगेट?
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने जानबूझकर स्वर्ण मंदिर को अपना निशाना बनाया था। 15 इन्फैंट्री डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्री ने खुलासा किया कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स से पता चला था कि पाकिस्तान धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहता था। स्वर्ण मंदिर इसकी प्राथमिक सूची में सबसे ऊपर था - एक ऐसा स्थल जो न सिर्फ धार्मिक रूप से संवेदनशील है बल्कि देश की एकता का प्रतीक भी है।
भारतीय सेना ने कैसे बिछाया गया आसमानी छाता?
जैसे ही खतरे की आशंका जताई गई, भारतीय सेना ने तुरंत एक्शन लिया। अमृतसर के आसमान में स्वदेशी AKASH मिसाइल सिस्टम और L-70 एयर डिफेंस गन्स की एक अभेद्य परत बिछा दी गई। मेजर जनरल शेषाद्री ने इसे "छाता" बिछाने की संज्ञा दी - ठीक वैसे ही जैसे कोई बारिश से बचने के लिए छाता खोल लेता है। यह कोई सामान्य तैयारी नहीं थी। यह भारत के सैन्य बुद्धिमत्ता और तकनीकी कौशल का अद्भुत नमूना था जिसने पाकिस्तान की सारी योजनाओं पर पानी फेर दिया।
भारतीय सैनिकों ने लिखी वीरता की नई इबारत
8 मई की रात जब पाकिस्तान ने अपने ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया, भारतीय सैनिक पूरी तरह तैयार थे। अंधेरी रात में चमकते रडार स्क्रीन्स पर दुश्मन के हर हथियार पर नजर थी। एक के बाद एक, सभी पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया गया।
मेजर जनरल शेषाद्री ने गर्व से कहा कि हमने एक तिनके को भी स्वर्ण मंदिर तक पहुंचने नहीं दिया!" यह घटना न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन थी बल्कि उस संकल्प का भी जिसमें हमारे जवान देश की हर इंच जमीन और हर पवित्र स्थल की रक्षा के लिए तैयार हैं।
AKASH और L-70 सिस्टम ने कैसे बचाई देश की मान-मर्यादा?
इस ऑपरेशन की सफलता के पीछे भारत के स्वदेशी रक्षा उपकरणों का बड़ा योगदान था। AKASH मिसाइल सिस्टम ने 25 किमी की दूरी से ही दुश्मन के हथियारों को नष्ट कर दिया, जबकि L-70 एयर डिफेंस गन्स ने नजदीकी खतरों को समाप्त किया। यह भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की सच्ची सफलता थी। जहां स्वदेशी तकनीक ने देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई। इस घटना ने साबित कर दिया कि भारत अब किसी भी प्रकार के हवाई हमले से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
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