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ऑपरेशन सिंदूर: पाक वायुसेना की इंटरनल रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, जानिए नूरखान से लेकर लोधरान तक क्या–क्या हुआ तबाह?

पाकिस्तानी वायुसेना की रिपोर्ट में ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान का खुलासा, नूरखान एयरबेस का डिजिटल सिस्टम और बिजली ग्रिड पूरी तरह तबाह।
12:39 PM May 25, 2025 IST | Rohit Agrawal
पाकिस्तानी वायुसेना की रिपोर्ट में ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान का खुलासा, नूरखान एयरबेस का डिजिटल सिस्टम और बिजली ग्रिड पूरी तरह तबाह।

पाकिस्तानी वायुसेना की एक गोपनीय रिपोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद की तस्वीर साफ कर दी है। द संडे गार्जियन ने इस इंटरनल डॉक्यूमेंट को एक्सेस किया, जिसमें भारतीय वायुसेना के हमलों से हुए नुकसान का ब्योरा दर्ज है। रिपोर्ट के मुताबिक, रावलपिंडी का नूरखान एयरबेस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां का पूरा डिजिटल सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। इसके अलावा मुशाफ (सरगोधा), मिन्हास (कामरा), फैसल (कराची), लोधरान का एमएम आलम एयरबेस और इस्लामाबाद का सेंट्रल कमांड सेंटर भी भारी क्षति की रिपोर्ट कर रहे हैं। यह रिपोर्ट पहली बार पाकिस्तानी वायुसेना की आंतरिक चिंताओं को उजागर करती है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताओं के ध्वस्त होने और बिजली ग्रिड के नष्ट होने की पुष्टि हुई है।

कैसे भारत ने नूरखान एयरबेस के 'ब्लाइंडर्स' को कर दिया अंधा?

रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता को लेकर हुआ है। दरअसल, नूरखान एयरबेस से ऑपरेट होने वाले DA-20 फाल्कन जेट, जिन्हें पाकिस्तानी वायुसेना की 24वीं स्क्वाड्रन "ब्लाइंडर्स" चलाती है, को भारी नुकसान हुआ हैं।

ये जेट दुश्मन के रडार और संचार प्रणालियों को जाम करने में सक्षम होते हैं, लेकिन अब पाकिस्तानी रिपोर्ट मानती है कि इनकी क्षमता लगभग नष्ट हो चुकी है। इसके अलावा, लोधरान स्थित एमएम आलम एयरबेस ने अपनी समस्त इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट्स के खत्म होने की बात स्वीकारी है। भारत ने साबित कर दिया है कि वह न सिर्फ पारंपरिक युद्ध में, बल्कि डिजिटल युद्धक्षेत्र में भी पाकिस्तान से कहीं आगे है।

500 केवीए जनरेटर की मांग ने खोली बिजली ग्रिड नष्ट होने की पोल

पाकिस्तानी वायुसेना ने अपनी रिपोर्ट में बुनियादी ढांचे की भारी क्षति का जिक्र किया है। नूरखान, फैसल और एमएम आलम एयरबेस ने 500 केवीए और 45 केवीए क्षमता वाले मोबाइल जनरेटर की मांग की है, जो साबित करता है कि इन ठिकानों का स्थायी बिजली ग्रिड नष्ट हो चुका है।

इसके अलावा, टेक्नोलॉजिकल कम्युनिकेशन सिस्टम के ध्वस्त होने से पाकिस्तानी वायुसेना का कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट में Intel i9 प्रोसेसर, Nvidia A6000 GPU, सर्वर और साइबर डिफेंस सिस्टम की भी मांग की गई है, जो दर्शाता है कि भारत ने पाकिस्तान की मिशन प्लानिंग और डेटा प्रोसेसिंग क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

मिन्हास एयरबेस का क्या है हाल?

कामरा स्थित मिन्हास एयरबेस, जिसे पाकिस्तानी वायुसेना की सबसे संवेदनशील सुविधाओं में से एक माना जाता है, ने भी भारी नुकसान की पुष्टि की है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां सीएनसी मशीनें, वेल्डिंग उपकरण और हाइड्रोलिक प्रेस जैसी महत्वपूर्ण मरम्मत प्रणालियों को नुकसान पहुंचा है, जिनका उपयोग विमानों के एयरफ्रेम की मरम्मत के लिए किया जाता है। इससे पता चलता है कि भारत ने न सिर्फ पाकिस्तानी वायुसेना के ऑपरेशनल ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि उसकी मरम्मत और रखरखाव क्षमताओं को भी ध्वस्त कर दिया।

 

क्या ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को दिया साफ संदेश?

पाकिस्तानी वायुसेना की यह इंटरनल रिपोर्ट साबित करती है कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से कहीं आगे जाकर पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को गहरा झटका दिया है। नूरखान का डिजिटल सिस्टम ध्वस्त होना, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं का नष्ट होना और बिजली ग्रिड की बर्बादी दर्शाती है कि भारत ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्ष्यों को चुना था। पाकिस्तान अब तक जो नुकसान छुपा रहा था, वह इस रिपोर्ट के जरिए सामने आ गया है। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इस हार को स्वीकार करेगा, या फिर से कोई गलत कदम उठाकर और बड़ी कीमत चुकाएगा? एक बात तय है कि भारत ने साबित कर दिया है कि वह पाकिस्तान की हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है!

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