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कोच्चि: समंदर में डूबने लगा था विदेशी जहाज, भारतीय कोस्टगार्ड ने फरिश्ता बनकर कैसे बचाई 21 जिंदगियां?

अरब सागर में डूबते MSC एल्सा 3 से 21 लोगों को बचाकर भारतीय कोस्टगार्ड ने 48 मिनट में रचा करिश्मा, बड़ा तेल रिसाव भी टाला।
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अरब सागर का पानी जब लाइबेरियाई झंडे वाले विशालकाय कंटेनर जहाज 'एमएससी एल्सा 3' को निगलने लगा, तो 26 डिग्री तक झुक चुके इस जहाज से 21 चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने ऐसी बहादुरी दिखाई जो दुनिया भर में सराही जा रही है। कोच्चि तट से महज 38 नॉटिकल मील दूर संतुलन खो चुके इस जहाज ने जैसे ही मदद की गुहार लगाई, ICG के जवान फरिश्ता बनकर पहुंचे और एक के बाद एक क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला। लेकिन बता दें कि यह ऑपरेशन इतना आसान नहीं था खतरनाक लहरों, डूबते जहाज के अंदर फंसे लोगों और समुद्री प्रदूषण के खतरे के बीच ICG ने कैसे यह असंभव सा मिशन अंजाम दिया?

क्या थी वो भयावह 48 मिनट की जद्दोजहद?

दरअसल, जहाज के 26 डिग्री झुकते ही सब कुछ उल्टा-पुल्टा हो गया। कंटेनर समुद्र में गिरने लगे, इंजन रूम में पानी भरने लगा और डेक पर खड़े होना भी मुश्किल हो गया। ICG ने सबसे पहले अपने डोर्नियर विमानों से एरियल सर्वे किया और फिर तुरंत लाइफ राफ्ट्स उतारे गए।

खास बात यह रही कि जहाज का कप्तान, चीफ इंजीनियर और सेकंड इंजीनियर अंत तक जहाज पर डटे रहे ताकि रेस्क्यू टीम को सही दिशा-निर्देश दे सकें। ICG के एक अधिकारी ने बताया - "लहरें इतनी तेज थीं कि राफ्ट्स को कंट्रोल करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमारे ट्रेंड कमांडोज ने एक-एक करके सभी को सुरक्षित निकाला।

कैसे टला 1000 टन तेल और रसायनों का रिसाव?

इस हादसे ने 2023 के उस हादसे की याद दिला दी जब 'मेर्स्क होनम' जहाज में आग लगने से 5 लोगों की मौत हो गई थी। MSC एल्सा 3 पर 1000 टन से अधिक ईंधन और सैकड़ों केमिकल कंटेनर लदे थे। ICG ने तुरंत ऑयल स्पिल कंट्रोल टीम तैनात कर दी और समुद्र में फैलने वाले प्रदूषण पर नजर रखने के लिए विशेष सेंसर्स लगाए। पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. राहुल शर्मा बताते हैं कि अगर यह जहाज डूब जाता तो कोच्चि के तटीय इकोसिस्टम को भारी नुकसान होता। ICG की त्वरित कार्रवाई ने बड़ी तबाही रोक दी।"

क्या लापरवाह लोडिंग के चलते हुए हादसा?

शिपिंग एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह हादसा ओवरलोडिंग या कार्गो के गलत तरीके से स्टैक होने की वजह से हुआ। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने जहाज कंपनी पर सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया है। हालांकि, DG शिपिंग ने तुरंत जांच टीम गठित कर दी है।

ICG के पूर्व कमांडर विवेक माधवन ने बताया कि "मॉनसून के दौरान समुद्री हालात और जहाज की स्टेबिलिटी चेक करना जरूरी होता है। यह केस अन्य शिपिंग कंपनियों के लिए सबक होना चाहिए।

भारतीय कोस्टगार्ड का गौरव: क्यों दुनिया दे रही है सलाम?

इस ऑपरेशन ने एक बार फिर भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को साबित कर दिया है। ICG ने पिछले 5 सालों में 15 बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (IMO) ने भी इस ऑपरेशन की प्रशंसा करते हुए ICG को 'गोल्ड स्टैंडर्ड' का दर्जा दिया है। जैसे-जैसे बाकी 3 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला जाएगा, यह मिशन भारतीय समुद्री सुरक्षा बलों के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो जाएगा। आखिरकार, जिंदगियां बचाने और पर्यावरण की रक्षा करने का यह संघर्ष सच्ची वीरता की मिसाल है!

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