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ऑपरेशन सिंदूर का गेम-चेंजर: भारतीय सेना ने पहली बार अपनाया 'रेड टीम' कॉन्सेप्ट, अब दुश्मन की सोच से आगे रहेगी रणनीति!

ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार ‘रेड टीमिंग’ का इस्तेमाल, ‘विदुर वक्ता’ टीम ने दुश्मन की चालें भांपीं और भारतीय सेना को बढ़त दिलाई।
10:15 AM May 27, 2025 IST | Rohit Agrawal
ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार ‘रेड टीमिंग’ का इस्तेमाल, ‘विदुर वक्ता’ टीम ने दुश्मन की चालें भांपीं और भारतीय सेना को बढ़त दिलाई।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में एक ऐसा रणनीतिक कदम उठाया है जो आने वाले युद्धों के नियम ही बदल देगा! पहली बार 'रेड टीमिंग कॉन्सेप्ट' का इस्तेमाल करते हुए, सेना ने एक विशेष टीम बनाई जिसका काम था कि दुश्मन की मानसिकता को पढ़ना, उसकी रणनीति की नकल करना और भारत की योजनाओं को उसी लेंस से टेस्ट करना। यह टीम, जिसे सेना ने 'विदुर वक्ता' (महाभारत के विदुर के नाम पर) का नाम दिया है, ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में अहम भूमिका निभाई। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह 'रेड टीम' क्या है? कैसे यह दुश्मन के दिमाग में घुसकर उसकी चालों को ध्वस्त कर देती है? और क्यों अमेरिका जैसी महाशक्तियां भी इसी तकनीक पर भरोसा करती हैं?

कैसे काम करती है 'रेड टीम'?

रेड टीमिंग एक मिलिट्री साइकोलॉजी कॉन्सेप्ट है, जिसमें भारतीय सेना के सीनियर अधिकारियों का एक गुप्त समूह दुश्मन की भूमिका निभाता है। यह टीम पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की सोच, रणनीति और कमजोरियों का अध्ययन करती है, फिर भारतीय योजनाओं को उसी नजरिए से चुनौती देती है।

ऑपरेशन सिंदूर में इस टीम ने पहले ही भांप लिया था कि पाकिस्तान कहां और कैसे जवाबी हमला करेगा, जिससे भारतीय सेना पहले से तैयार रही। इस टीम में देशभर के 15 चुनिंदा अधिकारियों को शामिल किया गया, जिन्होंने विशेष ट्रेनिंग लेकर दुश्मन की मानसिकता को डीकोड किया।

महाभारत से लिया गया विदुर वक्ता कॉन्सेप्ट का नाम

बता दें कि भारतीय सेना ने इस रणनीति को 'विदुर वक्ता' नाम दिया है। महाभारत के उसी विदुर के नाम पर, जिन्होंने युद्ध की हर संभावित स्थिति को पहले ही भांप लिया था। अक्टूबर 2024 में आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के बाद इस कॉन्सेप्ट को लॉन्च किया गया था। इसका मकसद है कि युद्ध से पहले ही दुश्मन की हर चाल को पढ़कर उसका मुंहतोड़ जवाब तैयार करना। अगले दो सालों में इस प्रोग्राम को और विस्तार दिया जाएगा, ताकि भारत विदेशी ट्रेनर्स पर निर्भर न रहे। सेना ने OPFOR (Opposing Forces) नाम की एक नई इकाई भी बनाई है, जो युद्धाभ्यास के दौरान दुश्मन की भूमिका निभाएगी।

कैसे 'रेड टीमिंग' बदल रही है आधुनिक युद्ध?

अमेरिकी सेना 'रेड टीम्स' का इस्तेमाल दशकों से कर रही है। इन टीमों ने 9/11 के बाद अल-कायदा की रणनीति को समझने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी तरह, इजराइल की 'Unit 8200' भी दुश्मन के दिमाग को पढ़ने में माहिर है।

भारत ने अब यह तकनीक अपनाकर पाकिस्तान की प्रॉक्सी वॉर और साइबर वॉरफेयर जैसी चुनौतियों को बेहतर ढंग से हैंडल करना शुरू कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर में इसकी सफलता के बाद, अब इसे कश्मीर से लेकर चीन बॉर्डर तक इस्तेमाल किया जाएगा।

क्या 'रेड टीम' भारत को देगी अगली सैन्य विजय?

ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि दुश्मन की सोच से आगे निकलना ही आधुनिक युद्ध का सबसे बड़ा हथियार है। अब भारतीय सेना का लक्ष्य है कि AI और साइबर वॉरफेयर में भी 'रेड टीमिंग' को इंटीग्रेट करना, ताकि चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों की डिजिटल चालों को भी ध्वस्त किया जा सके। जिस तरह विदुर ने कौरवों की हर चाल को नाकाम किया था, उसी तरह 'विदुर वक्ता' टीम अब भारत की सुरक्षा को एक नई दिशा देगी। अगले पांच सालों में, यह कॉन्सेप्ट भारतीय सेना की सबसे बड़ी स्ट्रैटेजिक एज बन सकता है!

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