ऑपरेशन सिंदूर में दिखा स्वदेशी हथियारों का दम ; अब भारत तैयार करेगा देसी 5th जेन फाइटर जेट, सरकार ने दी मंजूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए भारत के पहले स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को मंजूरी दे दी है। यह फैसला न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई पर ले जाएगा, बल्कि चीन के J-20 और पाकिस्तान के JF-17 जैसे विमानों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एक घातक हथियार साबित होगा। यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आएगा, सुपरसोनिक स्पीड से हमला करेगा और भारतीय वायुसेना को एक अदृश्य शक्ति देगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह रूस के Su-57 और अमेरिका के F-35 को टक्कर दे पाएगा? और क्या भारत वाकई 'आत्मनिर्भर रक्षा' के अपने सपने को साकार कर पाएगा?
क्यों है AMCA प्रोजेक्ट इतना खास?
दरअसल, AMCA को भारतीय वायुसेना का 'गेम चेंजर' माना जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है स्टील्थ टेक्नोलॉजी, जो इसे दुश्मन के रडार पर नजर आने से बचाएगी। यह विमान 2.5 मैक (लगभग 3,000 किमी/घंटा) की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम होगा और एडवांस्ड एवियोनिक्स से लैस होगा, जो पायलट को रियल-टाइम डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सपोर्ट देगा।
इसके अलावा, AMCA में मल्टी-रोल कैपेबिलिटी होगी, यानी यह हवाई लड़ाई, जमीनी हमले और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे कई मिशन एक साथ अंजाम दे सकेगा। क्या यह फीचर्स इसे अमेरिका के F-35 और रूस के Su-57 से बेहतर साबित करेंगे? विशेषज्ञों का मानना है कि AMCA की कॉस्ट-इफेक्टिवनेस और स्वदेशी तकनीक इसे एक खास बढ़त देंगी।
कैसे ADA और HAL मिलकर बनाएंगे AMCA?
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को 15,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ मंजूरी मिली है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर विकसित करेंगे, जबकि निजी कंपनियों को भी इसमें भागीदारी का मौका मिलेगा। ADA जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) जारी करेगा, जिसके बाद देश की प्रमुख डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनियां इस प्रोजेक्ट के लिए बोली लगा सकेंगी। यह कदम 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ी छलांग है। साथ ही, यह परियोजना भारत को वैश्विक फाइटर जेट मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी।
कैसे AMCA बदलेगा दक्षिण एशिया का पावर गेम?
AMCA का सबसे बड़ा लक्ष्य चीन के J-20 और पाकिस्तान के JF-17 थंडर को मात देना है। चीन पहले से ही अपने 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर J-20 का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि पाकिस्तान JF-17 के नए वर्जन (Block-III) को लॉन्च कर चुका है। लेकिन AMCA की सुपीरियर स्टील्थ क्षमता और घरेलू तकनीक इसे इन विमानों से आगे रखेगी। विश्लेषकों का मानना है कि AMCA के आने से भारत की वायुसेना को एयर सुपीरियोरिटी मिलेगी और यह दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन को अपने पक्ष में करेगा। क्या पाकिस्तान और चीन इसके जवाब में कोई नया फाइटर जेट विकसित करेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा।
क्या समय पर पूरा हो पाएगा AMCA प्रोजेक्ट?
ADA के मुताबिक, AMCA का पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार हो जाएगा और 2030 तक इसे भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि, भारत के पिछले रक्षा प्रोजेक्ट्स (जैसे तेजस और अर्जुन टैंक) में देरी की वजह से कुछ विशेषज्ञों को चिंता है कि कहीं AMCA भी डेडलाइन न पार कर ले। लेकिन सरकार और DRDO ने आश्वासन दिया है कि इस बार सब कुछ समय पर पूरा होगा। अगर ऐसा होता है, तो भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जो अपना 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट बना सकते हैं।
क्या AMCA भारत को बनाएगा 'सुपरपावर'?
AMCA प्रोजेक्ट न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि इसे ग्लोबल डिफेंस मार्केट में एक नई पहचान देगा। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो भारत रूस, अमेरिका और चीन की लीग में शामिल हो जाएगा। साथ ही, यह 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। अब देखना यह है कि क्या भारत इस चुनौती को पूरा कर पाएगा, या फिर यह प्रोजेक्ट भी बजट और समय सीमा के झंझट में फंस जाएगा? एक बात तय है कि AMCA के आने के बाद दुश्मन देशों की नींद उड़ने वाली है!
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