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सीमा पर फिर गरजेगी IAF: PAK से 100 किमी दूरी पर भारतीय वायुसेना के युद्ध अभ्यास के मायने क्या?

राजकोट के पास IAF का बड़ा हवाई अभ्यास, जिसमें राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट शामिल। पाकिस्तान को दिया गया स्पष्ट सैन्य संदेश।
02:00 PM Jun 04, 2025 IST | Rohit Agrawal
राजकोट के पास IAF का बड़ा हवाई अभ्यास, जिसमें राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट शामिल। पाकिस्तान को दिया गया स्पष्ट सैन्य संदेश।

पाकिस्तानी सीमा के आसमान में आज एक बार फिर भारतीय वायुसेना की ताकत की गूंज सुनाई देगी। राजकोट के नजदीक अरब सागर से सटे रणनीतिक क्षेत्र में IAF ने बड़े पैमाने पर हवाई अभ्यास की तैयारी कर ली है, जिसके लिए NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी कर दिया गया है। यह अभ्यास ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की बढ़ी हुई सैन्य सतर्कता का स्पष्ट संकेत है, जो पाकिस्तान को यह बताने का संदेश है कि भारतीय वायुसेना किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है।

राफेल से लेकर सुखोई तक: क्या-क्या दिखाएगी IAF?

आज के इस विशेष अभ्यास में भारतीय वायुसेना अपनी सभी घातक युद्धक मशीनों को तैनात करेगी, जिसमें राफेल, सुखोई-30 और जगुआर जैसे फ्रंटलाइन फाइटर जेट शामिल हैं। यह अभ्यास दोपहर 3:30 बजे (UTC) से शुरू होकर रात 9:00 बजे (UTC) तक चलेगा, जिसमें IAF अपनी हवाई स्ट्राइक क्षमताओं, रडार सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक का परीक्षण करेगी। गुजरात के राजकोट के पास यह क्षेत्र विशेष रूप से चुना गया है, क्योंकि यह पाकिस्तानी सीमा से महज 100 किलोमीटर दूर है और अरब सागर तक इसकी पहुंच इसे रणनीतिक रूप से अहम बनाती है।

क्यों जरूरी है यह अभ्यास?

पिछले महीने हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी सीमा पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य न केवल वायुसेना की तैयारियों को परखना है, बल्कि पाकिस्तान को यह भी संदेश देना है कि भारत किसी भी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तानी ड्रोन हमलों और सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों के बाद भारत ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत किया है, और यह अभ्यास उसी रणनीति का हिस्सा है।

NOTAM क्या है और क्यों है जरूरी?

NOTAM (Notice to Airmen) एक ऐसा सिस्टम है जो पायलट्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोल को किसी विशेष क्षेत्र में होने वाले सैन्य अभ्यास या अन्य खतरों के बारे में सचेत करता है।

 

आज के अभ्यास के दौरान राजकोट के आसपास का एयरस्पेस आम विमानन यातायात के लिए बंद रहेगा, ताकि IAF बिना किसी रुकावट के अपने मिशन को अंजाम दे सके। इससे पहले भी मई में राजस्थान की सीमा पर ऐसा ही एक बड़ा अभ्यास किया गया था, जिसमें राफेल और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया था।

क्या पाकिस्तान को भेजा जा रहा है कोई बड़ा संदेश?

यह अभ्यास सिर्फ एक रूटीन ट्रेनिंग नहीं, बल्कि पाकिस्तान को दिया जाने वाला एक स्पष्ट संदेश है कि भारत किसी भी स्थिति में अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारतीय सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति को और आक्रामक बना दिया है, और आज का यह हवाई अभ्यास उसी कड़ी का अगला चरण है। अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान इस संदेश को समझेगा या फिर एक बार फिर गलती करने की कीमत चुकाएगा!

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