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इंसान की खोपड़ी का सूप पीने वाले सीरियर किलर कोलदंर को उम्रकैद, की थी 20 से ज्यादा हत्याएं

खूंखार सीरियल किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर को लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने हत्या के आरोप में उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। उसके अपराधों की कहानी सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। उसके साथी वक्षराज को...
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खूंखार सीरियल किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर को लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने हत्या के आरोप में उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। उसके अपराधों की कहानी सुनकर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। उसके साथी वक्षराज को भी इसी मामले में उम्रकैद मिली है। दोनों को साल 2000 में हुए एक डबल मर्डर का दोषी पाया गया है। राजा कोलंदर पर 20 से भी ज़्यादा हत्याओं का आरोप था, हालांकि ज़्यादातर मामलों में सबूतों के अभाव में वह बरी हो चुका था।

फार्महाउस में मिले थे ढेरो नरकंकाल

कोलंदर को गिरफ्तार करते समय प्रयागराज स्थित उसके पिगरी फार्म हाउस से भारी संख्या में नरकंकाल और इंसानी खोपड़ियां भी बरामद किए गए थे। कोलंदर पर आरोप था कि वह एक तांत्रिक था और इन खोपड़ियों का सूप बनाकर पीता था। यह भी कहा जाता है कि वह लोगों का बेरहमी से कत्ल करता था, फिर उनके शरीर के कई टुकड़े करके अलग-अलग जगह फेंक देता था। लेकिन एक चीज़ जो वह हमेशा अपने साथ ले जाता था, वह था लाश का सिर। कथित तौर पर, वह सिर से दिमाग निकालकर उसका सूप बनाकर पीता था, जो उसकी क्रूरता की पराकाष्ठा को दर्शाता है।

कोर्ट ने माना दोषी, फिर सुनाई सज़ा

सोमवार को जज रोहित सिंह की अदालत ने राजा कोलंदर और वक्षराज कोल को नाका इलाके में 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव के अपहरण और हत्या का दोषी पाया था। शुक्रवार को इस भयानक मामले में सज़ा सुनाई गई। सरकारी वकील एमके सिंह के अनुसार, अदालत ने राजा कोलंदर और उसके सहयोगी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई गंभीर धाराओं के तहत दोषी ठहराया है, जिनमें धारा 364 (हत्या के इरादे से अपहरण), 396 (हत्या के साथ डकैती), 201 (सबूतों को गायब करना), 412 (डकैती से प्राप्त संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) और 404 (मृत व्यक्ति की संपत्ति का दुरुपयोग) शामिल हैं।

कौन है राजा कोलंदर?

राजा कोलंदर का बचपन का नाम राम निरंजन कोल था। वह अपने जघन्य अपराधों और कथित नरभक्षण के लिए कुख्यात हुआ। एक समय में उत्तर प्रदेश की एक आयुध फैक्टरी में काम करने वाला राजा कोलंदर खुद को एक राजा मानता था, जिसे अधिकार था कि वह जिसे नापसंद करे, उसे दंडित कर सके। पत्रकार धीरेंद्र सिंह सहित कई हत्याओं के लिए उसे दोषी ठहराया जा चुका है। पुलिस ने उसके फार्महाउस से कई मानव खोपड़ियां बरामद की थीं, जिससे नरभक्षण के भयावह आरोपों को बल मिला। मनोचिकित्सकों ने उसे मनोरोगी बताया था, हालांकि अदालतों ने उसे मुकदमे का सामना करने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ घोषित किया।

2012 में पहली बार मिली थी सजा

राजा कोलंदर और उसके साले वक्षराज को नवंबर 2012 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की निर्मम हत्या के लिए पहली बार दोषी ठहराया गया था। धीरेंद्र सिंह को बहला-फुसलाकर ले जाया गया, गोली मारकर हत्या कर दी गई और फिर उनके शव को क्षत-विक्षत कर दफना दिया गया था।

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