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NDPS GUJARAT CASE: ड्रग्स नहीं मिले, परंतु ड्रग्स तस्करी के सुबूत मिले और एटीएस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी...

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। NDPS GUJARAT CASE: गुजरात का विशाल समुद्री तट मादक पदार्थों की तस्करी (NDPS GUJARAT CASE) के लिए कुख्यात हो गया है। आमतौर पर एनडीपीएस का मामला बिना नशीली दवाओं के नहीं बनता है। गुजरात पुलिस के इतिहास...
08:34 PM Mar 06, 2024 IST | Bodhayan Sharma
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। NDPS GUJARAT CASE: गुजरात का विशाल समुद्री तट मादक पदार्थों की तस्करी (NDPS GUJARAT CASE) के लिए कुख्यात हो गया है। आमतौर पर एनडीपीएस का मामला बिना नशीली दवाओं के नहीं बनता है। गुजरात पुलिस के इतिहास...

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। NDPS GUJARAT CASE: गुजरात का विशाल समुद्री तट मादक पदार्थों की तस्करी (NDPS GUJARAT CASE) के लिए कुख्यात हो गया है। आमतौर पर एनडीपीएस का मामला बिना नशीली दवाओं के नहीं बनता है। गुजरात पुलिस के इतिहास में गुजरात एटीएस द्वारा किया गया यह दूसरा ड्रग केस (NDPS Case) है जिसमें कोई दम नहीं है। ड्रग रैकेट में साजिश की शिकायत दर्ज करने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते ने ड्रग माफिया और उसके परिवार के खिलाफ क्या कार्रवाई की और मामले की सच्चाई कैसे सामने आई, यह जानने के लिए पूरी रिपोर्ट पढ़ें...

क्या है पूरा मामला?

गुजरात एटीएस के डीएसपी शंकर चौधरी को सूचना मिली कि जामनगर (NDPS GUJARAT CASE) जोडिया का एक राव परिवार हेरोइन का कारोबार कर रहा है। वर्ष 2023 के सितंबर/अक्टूबर में, धर्मेंद्र गोड अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा से वेरावल मछली पकड़ने वाली नाव में मुर्तुज़ा, पाकिस्तान से 8 किलोग्राम हेरोइन लाया। करोड़ों रुपये की हेरोइन राजस्थान के रास्ते दिल्ली में एक विदेशी नागरिक तक पहुंचाई गई थी। इसी तथ्य के आधार पर अफ्रीका में रहने वाले ईशा हुसैन राव ने भारी मात्रा में ड्रग्स भेजा। ईशा की पत्नी ताहिरा, बेटा अरबाज, बेटी मासूमा और मासूमा का मंगेतर रिजवान नोडे (सभी जामनगर जिले के) ड्रग्स रैकेट में शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी धर्मेंद्र कश्यप-भगवान पिछले 16 अक्टूबर की सुबह ओमान के समुद्र के पास मछली पकड़ने वाली नाव में 8 किलो हेरोइन लेकर आए थे। हेरोइन की मात्रा राजस्थान तक पहुंचाई गई थी। मासूमा और रिजवान ने आबू रोड से बियावर जाने वाली सड़क पर एक अन्य सुरंग के पास फेंकी गई हेरोइन की मात्रा बरामद की और इसे जामनगर के आसिफ सामा उर्फ ​​कारा की कार में दिल्ली के तिलकनगर में एक अफ्रीकी नागरिक तक पहुंचाया।

गुजरात एटीएस को कैसे मिला अधिकार?

नाविक से मिली जानकारी के बाद गिर सोमनाथ पुलिस ने 300 करोड़ (NDPS GUJARAT CASE) रुपये की हेरोइन जब्त की और टंडेल धर्मेंद्र गोड, आसिफ सामा और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में गुजरात एटीएस की टीम भी जांच में शामिल हुई। जांच के दौरान पता चला कि अफ्रीका में रहने वाले ईशा राव ने पहले अपने परिवार के सदस्यों की मदद से हेरोइन की मात्रा वेरावल के किनारे भेजी थी और उसे दिल्ली भेजा था।

केस दर्ज करने के लिए क्या सबूत हासिल किए गए?

इस खुलासे के बावजूद कि ईशा राव अफ्रीका में बैठकर अपने परिवार (NDPS GUJARAT CASE) के सदस्यों का करोड़ों रुपये का ड्रग कारोबार चला रही थी, गुजरात एटीएस टीम हरकत में आ गई। गिर सोमनाथ पुलिस की किताब में दर्ज एनडीपीएस मामले में आरोपी धर्मेंद्र और आसिफ तथा राव परिवार के सदस्यों से पूछताछ शुरू हो गई थी। सीसीटीवी फुटेज के साथ संभावित आरोपियों सहित व्यक्तियों के मोबाइल टावर लोकेशन और कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) भी प्राप्त किए गए। इसके अलावा फिजिकल फर्मों से इस बात के सबूत भी मिले हैं कि ईशा राव ने हेरोइन की मात्रा की बिक्री से प्राप्त आय में से आरोपियों को 26.84 लाख रुपये भेजे थे। इन सभी सबूतों के आधार पर ईशा की पत्नी ताहिरा, बेटे अरबाज और रिजवान नोड को अफ्रीका में गिरफ्तार किया गया है। वहीं ईशा, ईशा की बेटी मासूमा समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है।

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