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4 दिन में 25 लाख करोड़ का नुकसान, रुपया रिकॉर्ड लो पर, जानिए क्यों गिर रहे हैं Sensex और Nifty 50

चार दिन में शेयर बाजार ने 25 लाख करोड़ का नुकसान झेला है, और रुपया भी रिकॉर्ड लो स्तर पर पहुंच चुका है। जानिए क्यों गिर रहे हैं Sensex और Nifty 50, और इसके पीछे के कारण
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sensex nifty stock market fall: भारत के शेयर बाजार में इन दिनों भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले चार दिनों में Sensex और Nifty 50 दोनों ने बड़ी गिरावट दर्ज की है, जिससे निवेशकों को लगभग 25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा, भारतीय रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। तो आइए जानते हैं कि आखिर क्या हैं वो प्रमुख कारण, जिनकी वजह से share market में ये भारी गिरावट देखने को मिली है और क्यों Sensex today और Nifty today में लगातार गिरावट जारी है।

वजहविवरणअसर
अमेरिकी जॉब डेटा और बॉन्ड यील्डदिसंबर में अमेरिकी जॉब ग्रोथ की दर अप्रत्याशित रूप से बढ़ी, जिससे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ, जिससे भारतीय बाजार में निवेश कम हुआ।
विदेशी निवेशकों (FII) का पैसा निकालना2025 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 22,259 करोड़ रुपये की बिकवाली की।Sensex और Nifty 50 में गिरावट आई।
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धिरूस पर प्रतिबंधों की वजह से कच्चे तेल की कीमतें तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।महंगाई का खतरा बढ़ा, जिससे शेयर बाजार में मंदी आई।
रुपये की गिरावटरुपया डॉलर के मुकाबले 86.60 तक गिरा, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का भरोसा कम हुआ।
भारत की अर्थव्यवस्था पर मंदी के संकेतभारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान, जो पहले 6.5% था।निवेशकों का विश्वास घटा, जिससे बाजार में गिरावट आई।
कंपनियों की कमाई में गिरावटभारतीय कंपनियों की कमाई पिछले दो तिमाहियों में घट गई।कंपनियों के शेयरों में गिरावट, और Sensex और Nifty पर असर।
महंगाई का डरमहंगाई बढ़ने का खतरा, जिससे ब्याज दरों में वृद्धि हो सकती है।बाजार में अस्थिरता और गिरावट आई।

1. अमेरिकी जॉब डेटा और बॉन्ड यील्ड का असर

Sensex और Nifty में गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी जॉब डेटा में अप्रत्याशित तेजी का आना है। दिसंबर में अमेरिकी जॉब ग्रोथ ने सभी अनुमान तोड़ दिए, जिससे यह संकेत मिला कि अमेरिकी इकोनॉमी मजबूत है। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी ट्रेजरी बॉंड यील्ड 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, और निवेशकों ने वहां निवेश को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया। जब डॉलर मजबूत होता है, तो उभरते हुए बाजार जैसे भारत में निवेश की गति कम हो जाती है, और इसका असर भारतीय stock market पर पड़ा है।

2. विदेशी निवेशकों (FII) का भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना

जब से अमेरिकी बॉन्ड्स की यील्ड बढ़ी है, विदेशी निवेशकों (FPI और FII) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। 10 जनवरी तक, इन निवेशकों ने भारतीय बाजार से 22,259 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है। इससे Sensex और Nifty 50 की कंपनियों के शेयरों की कीमतें गिरने लगीं, और इसका सीधा असर stock markets में दिखा। जब ये निवेशक पैसा निकालते हैं, तो भारतीय बाजार में मंदी का दौर शुरू हो जाता है।

3. कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा

सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी आई और यह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। रूस पर प्रतिबंधों के कारण चीन और भारत जैसे बड़े तेल आयातक देशों को तेल की आपूर्ति में समस्या हो रही है, जिससे crude oil prices बढ़ गए हैं। इससे महंगाई का खतरा बढ़ सकता है, और इसका असर सीधे भारतीय share market पर पड़ा है। Brent Crude की कीमत 81.44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई, और WTI crude भी ऊंची कीमतों पर था। जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो महंगाई बढ़ने का खतरा होता है, जो बाजार के लिए नकारात्मक संकेत है।

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4. रुपये की गिरावट: अब तक का सबसे निचला स्तर

रुपया भी इस गिरावट से बच नहीं पाया है। Dollar index के उच्च स्तर पर रहने की वजह से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया है। 13 जनवरी को रुपया 86.60 के स्तर पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। India VIX (जो बाजार में अस्थिरता का संकेत है) बढ़ने के साथ-साथ निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है। जब रुपया कमजोर होता है, तो यह विदेशी निवेशकों के लिए भारत में निवेश करना महंगा बना देता है, और इससे भारतीय बाजार में और गिरावट आई है।

5. भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी के संकेत

भारत की economy पर भी मंदी के संकेत हैं। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP growth का अनुमान घटाकर 6.4% कर दिया है। यह आंकड़ा पहले के अनुमान से कम है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ेगी, जितना पहले सोचा गया था। जब इकोनॉमिक ग्रोथ धीमी होती है, तो निवेशकों का बाजार में विश्वास कम हो जाता है, और इसका असर Nifty और Sensex जैसे प्रमुख इंडेक्स पर दिखता है।

SymbolLTP% ChangeVolume
AXISBANK1049.4+0.8459,81,613
TCS4285.85+0.4735,17,519
HINDUNILVR2449.45+0.3021,03,819
INDUSINDBK939.6+0.2177,05,401
HCLTECH1998.15+0.1544,04,400
ADANIENT2226.7-6.2213,20,444
TRENT6212.95-5.648,72,751
BPCL265.35-4.4390,37,668
BEL259.6-4.211,65,29,706
ADANIPORTS1066.5-4.1120,04,729

6. कंपनियों की कमाई में गिरावट

बीते कुछ सालों से भारतीय कंपनियों की कमाई में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन अब कुछ कंपनियों की आय में गिरावट आई है। पिछले दो तिमाहियों में भारतीय कंपनियों की कमाई में गिरावट देखी गई है, और इस तिमाही में भी इसे सुधारने की कोई संभावना नहीं दिख रही। Stock market news में यह खबर आई है कि ब्रोकरेज फर्मों का अनुमान है कि 2025 में भारतीय कंपनियों की कमाई सिंगल डिजिट ग्रोथ पर रहेगी। इसका सीधा असर Sensex share price और Nifty share price पर पड़ता है।

7. महंगाई का डर

महंगाई भी stock market today पर दबाव डाल रही है। यदि महंगाई बढ़ती है, तो भारतीय रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में वृद्धि करनी पड़ सकती है। इससे निवेशकों का खर्च बढ़ेगा, और share market में और गिरावट हो सकती है। हालांकि, food inflation में गिरावट आई है, जिससे महंगाई के आंकड़े 5.3% तक घटने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन फिर भी महंगाई के डर से बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है।

4 दिनों में कितना नुकसान हुआ?

अब बात करते हैं कि पिछले चार दिनों में Sensex और Nifty 50 में कितना नुकसान हुआ है।

Sensex: 7 जनवरी को Sensex 78,199.11 अंकों पर बंद हुआ था, लेकिन 13 जनवरी को यह गिरकर 76,249.72 अंकों पर पहुंच गया। यानी Sensex में 1,949.39 अंकों की गिरावट आई है, जो करीब 2.5% है।

Nifty 50: Nifty 50 7 जनवरी को 23,707.90 अंकों पर था, और 13 जनवरी को यह गिरकर 23,047.25 अंकों पर पहुंच गया। यानी Nifty में 660.65 अंकों की गिरावट आई है, जो 2.78% की कमी है।

इंडेक्स7 जनवरी 2025 को बंद हुआ13 जनवरी 2025 को बंद हुआगिरावट
Sensex78,199.11 अंक76,249.72 अंक1,949.39 अंक (2.5% गिरावट)
Nifty 5023,707.90 अंक23,047.25 अंक660.65 अंक (2.78% गिरावट)

निवेशकों को कितना नुकसान हुआ?

बीते कुछ दिनों में निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। 7 जनवरी को BSE Sensex का मार्केट कैप 4,41,75,150 करोड़ रुपये था, लेकिन 13 जनवरी को यह घटकर 4,16,62,045 करोड़ रुपये रह गया। इसका मतलब है कि सिर्फ 4 दिनों में BSE Sensex में निवेशकों को 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

तिथिBSE का मार्केट कैप (₹ करोड़ में)
7 जनवरी 20254,41,75,150 करोड़ रुपये
13 जनवरी 20254,16,62,045 करोड़ रुपये
नुकसान25 लाख करोड़ रुपये से अधिक

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