ऑपरेशन सिंदूर ने ढेर की चीन की हेकड़ी, J-10C फाइटर जेट और मिसाइल बनाने वाली कंपनियों के शेयर धड़ाम
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि उसके बड़े भाई चीन की भी हवा निकल गई। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, और इस ऑपरेशन में चीनी हथियारों की पोल खुल गई। नतीजा? चीन की डिफेंस कंपनियों के शेयर बाजार में औंधे मुंह गिरे। कल से इन शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिसमें कुछ कंपनियों के शेयर तो 9 परसेंट तक लुढ़क गए। निवेशकों में हाहाकार मच गया, क्योंकि चीनी हथियारों के फुस्स होने की खबर ने उनका भरोसा तोड़ दिया।
ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के साथ चीन को भी झटका
बात शुरू होती है पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले से, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। भारत ने इसका जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में भारत ने मिसाइल और ड्रोन से सटीक हमले किए, और पाकिस्तान की हवाई रक्षा चीनी हथियारों के भरोसे थी, जो पूरी तरह फेल हो गई। भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को मार गिराया, बल्कि उनके कुछ जे-10सी फाइटर जेट भी ढेर कर दिए। नतीजा, चीनी हथियारों की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे, और निवेशकों ने चीनी डिफेंस कंपनियों से मुंह मोड़ लिया।
चीनी शेयरों का बुरा हाल, 9% तक गिरावट
ऑपरेशन सिंदूर से पहले चीनी डिफेंस कंपनियों के शेयर बड़े उछाल मार रहे थे। निवेशकों को लग रहा था कि भारत-पाक तनाव लंबा चलेगा, और चीन पाकिस्तान को हथियार बेचकर मोटा मुनाफा कमाएगा। खासकर J-10C फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी AVIC Chengdu Aircraft के शेयर तो 8 मई को 16 परसेंट तक बढ़ गए थे। लेकिन 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने की खबर आई, और बस, सारा खेल पलट गया। 13 मई को चीनी डिफेंस शेयरों में भारी बिकवाली शुरू हो गई। AVIC Chengdu के शेयर 9.31 परसेंट तक गिरकर 86.93 युआन पर आ गए। उधर, PL-15 मिसाइल बनाने वाली Zhuzhou Hongda Electronics Corp Ltd के शेयर भी 6.5 से 9 परसेंट तक टूट गए, और आज ये 1.50 परसेंट और गिरकर 36.79 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं। जहाज बनाने वाली China State Shipbuilding Corporation के शेयर भी 4 परसेंट से ज्यादा लुढ़क गए।
चीनी हथियारों की पोल खुलके शेयर ने लगाए गोते
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का जमकर इस्तेमाल किया। J-10C फाइटर जेट, PL-15 मिसाइल, और चीनी ड्रोन सब मैदान में थे। लेकिन भारत की एयर डिफेंस सिस्टम, जिसमें S-400, अकाश मिसाइल, और बराक-8 जैसी तकनीक शामिल थी, ने इन हथियारों को धूल चटा दी। भारतीय वायुसेना के डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल एके भारती ने तो साफ कह दिया, “हमारी एयर डिफेंस सिस्टम दीवार की तरह खड़ी थी, और पाकिस्तान का कोई हथियार इसे भेद नहीं पाया।” उन्होंने PL-15 मिसाइल के टुकड़े दिखाकर बताया कि चीनी हथियार कितने बेकार निकले। सोशल मीडिया पर भी लोग चीनी हथियारों की नाकामी का मजाक उड़ा रहे हैं। एक X यूजर ने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर ने चीनी डिफेंस सिस्टम की नकली हकीकत दुनिया के सामने ला दी।”
पहले उछाल, फिर धड़ाम
जरा पीछे चलते हैं। 7 मई को जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो चीनी डिफेंस शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी। AVIC Chengdu के शेयर 36 परसेंट तक उछल गए थे, क्योंकि पाकिस्तान इनके J-10C और JF-17 फाइटर जेट इस्तेमाल कर रहा था। Zhuzhou Hongda की PL-15 मिसाइल और चीनी ड्रोन की डिमांड बढ़ने की उम्मीद में उनके शेयर भी चमक रहे थे। उस वक्त Hang Seng China A Aerospace & Defence Index भी 2.29 परसेंट ऊपर था। लेकिन सीजफायर की खबर ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। निवेशकों को एहसास हुआ कि चीनी हथियारों की क्वालिटी उतनी बढ़िया नहीं, जितना दावा किया जाता है। नतीजा, 13 मई को ये इंडेक्स 3 परसेंट नीचे आ गया, और AVIC Chengdu, Zhuzhou Hongda जैसे बड़े खिलाड़ी धराशायी हो गए।
भारत की जीत, चीन की हार
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ पाकिस्तान के लिए सबक नहीं था, बल्कि चीन के लिए भी बड़ा झटका साबित हुआ। चीन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान को हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर रहा है। 2020-24 के बीच पाकिस्तान के 81 परसेंट हथियार चीन से आए। लेकिन इस बार भारत ने चीनी हथियारों की कमजोरी को दुनिया के सामने ला दिया। X पर एक यूजर ने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ पाकिस्तान को, बल्कि चीनी हथियारों को भी शर्मिंदा कर दिया।” उधर, भारत के डिफेंस स्टॉक जैसे HAL, Bharat Dynamics, और BEL 8 परसेंट तक उछल गए, क्योंकि पीएम मोदी ने ऑपरेशन() ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद आत्मनिर्भर डिफेंस प्रोडक्शन पर जोर दिया।
चीनी डिफेंस कंपनियों के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें
सीजफायर के बाद चीनी डिफेंस कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। निवेशक अब इन कंपनियों पर भरोसा करने से पहले दो बार सोचेंगे। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि चीनी हथियार दिखने में जितने चमकदार हैं, मैदान में उतने ही फुस्स। दूसरी तरफ, भारत की मिलिट्री स्ट्रेंथ और एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ न सिर्फ देश में, बल्कि इजरायल, रूस जैसे दोस्त देशों में भी हो रही है।
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