ऑपरेशन सिंदूर के बाद सोना हुआ सस्ता! क्या और गिरेगा गोल्ड? जानिए एक्सपर्ट की राय
जब युद्ध की आहट सुनाई देती है, बाजारों में हलचल आम बात है। शेयर बाजार गिरते हैं और सोना चढ़ता है, ये तो आपने सुना ही होगा। मगर इस बार कहानी उलटी है। भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई ऑपरेशन सिंदूर स्ट्राइक के बाद जहां शेयर बाजार ने छलांग लगाई, वहीं सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
गोल्ड फ्यूचर में दर्ज हुई 1% की गिरावट
MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर गोल्ड फ्यूचर करीब 1% गिरकर ₹96,625 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। आपको बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक पहले हाल ही सोना लगभग ₹1 लाख के स्तर को छू चुका था। सोने में आई इस गिरावट ने कई निवेशकों को हैरान कर दिया, क्योंकि भारत-पाक तनाव के बीच सोने में आमतौर पर उछाल आता है। लेकिन इस बार तस्वीर कुछ और है।
शेयर बाजार पर दिखा ऐसा असर
भारत द्वारा पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जहां सोना फिसला, वहीं सेंसेक्स और निफ्टी में तेज़ी देखने को मिली। बाजारों ने भारत की सैन्य कार्रवाई को स्थिर और नियंत्रित प्रतिक्रिया के रूप में देखा, जिससे निवेशकों को भरोसा मिला।
एक्सपर्ट का विश्लेषण: इतिहास क्या कहता है?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार 1965, 1971 और कारगिल युद्ध के दौरान भी सोने की कीमतों में कोई भारी उतार-चढ़ाव नहीं आया था। दरअसल, भारत-पाकिस्तान की टकरावों का असर शेयर बाजार पर अधिक और सोने पर सीमित रहता है। आमतौर पर भारत में सोने को लेकर दीवानगी है लेकिन भारत-पाकिस्तान युद्ध का सोने की कीमतों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
भारत-पाक युद्ध नहीं तो किससे प्रभावित होता है सोना?
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार सोने पर भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध का इतना असर नहीं पड़ता जितना दूसरे कारकों का पड़ता है। सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों में मध्य पूर्व (Middle East) में युद्ध या अस्थिरता, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध अथवा वैश्विक मंदी या डॉलर में उतार-चढ़ाव प्रमुख हैं।
विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि निकट भविष्य में भी गोल्ड प्राइसेज का निर्धारण ग्लोबल घटनाओं के द्वारा ही होगा। भारत-पाक टकराव अल्पकालिक प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन दीर्घकालीन ट्रेंड अमेरिका-चीन, डॉलर इंडेक्स और तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा।
भारत-पाक तनाव के बाद सोना नहीं, भरोसा बढ़ा
पाकिस्तान में भारत द्वारा किए गए आक्रामक लेकिन नियंत्रित एक्शन से जहां बाजारों में भरोसा लौटा, वहीं सोने की कीमतों पर इसका असर नकारात्मक रहा। अभी तक के संकेत तो यही कह रहे हैं कि जब तक ग्लोबल इकोनॉमी में बड़ा बदलाव नहीं होता, निकट भविष्य में गोल्ड में तेजी के आसार मुश्किल ही लग रहे हैं, हालांकि अभी कुछ भी कहना अनिश्चितता होगी।
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