पाकिस्तान से तनाव के बीच सस्ता हुआ क्रूड ऑयल, भारत को मिलेगा बड़ा फायदा
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और दुनिया भर में चल रही भूराजनैतिक हलचल के बीच भारत के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें जबरदस्त गिरावट के साथ 4 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। गुरुवार की सुबह WTI क्रूड ऑयल की कीमत 60 डॉलर के भी नीचे आ गई, जो सीधे तौर पर भारत जैसे आयात-निर्भर देश के लिए फायदेमंद है। फिलहाल, WTI 58.41 डॉलर और ब्रेंट क्रूड 61.40 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहे हैं। जब क्रूड ऑयल 100 डॉलर पार पहुंचा था, तब पेट्रोल-डीजल की कीमतें आम जनता की जेब पर भारी पड़ने लगी थीं। अब यह गिरावट राहत की सांस देने वाली है।
सस्ता तेल, मजबूत भारत
भारत अपनी 85% से ज्यादा तेल जरूरतें आयात के ज़रिये पूरी करता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में आई इस गिरावट का असर सीधे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। न सिर्फ सरकार का आयात बिल घटता है, बल्कि महंगाई पर भी लगाम लगती है। साथ ही, विदेशी मुद्रा भंडार को भी मजबूती मिलती है। पाकिस्तान के साथ यदि तनाव गहराता है, तो भारत को सैन्य और रणनीतिक स्तर पर तैयार रहने की ज़रूरत होती है, जिसमें भारी खर्च आता है। ऐसे में कम कीमत पर मिलने वाला क्रूड ऑयल भारत को फाइनेंशियल बैकअप देगा, जिससे युद्ध जैसे हालात में भी आर्थिक संतुलन बना रह सकेगा।
जनता के लिए राहत की उम्मीद
दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में गुरुवार को पेट्रोल 94.77 रुपये और डीजल 87.67 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। लेकिन पोर्ट ब्लेयर में यह दरें काफी कम – पेट्रोल 82.46 और डीजल 78.05 रुपये प्रति लीटर हैं। क्रूड की कीमतों में गिरावट का असर अगर कुछ और समय तक जारी रहा, तो सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती कर सकती है। मौजूदा वैश्विक हालात को देखते हुए कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट की संभावना बनी हुई है। इससे भारत को ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ वित्तीय नीति चलाने में भी लचीलापन मिलेगा।
देश की अर्थव्यवस्था के साथ देशवासियों को भी होगा फायदा
भारत के लिए यह समय आर्थिक रूप से रणनीतिक बढ़त लेने का है। क्रूड ऑयल की कीमतों में आई गिरावट सिर्फ तेल कंपनियों या सरकार ही नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी राहत का संकेत है। अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो देश के लिए आने वाले महीने बेहतर साबित हो सकते हैं।
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