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भारत में iPhone का जलवा! Apple ने किया बड़ा उलटफेर, ट्रंप की धमकियों का भी नहीं पड़ा असर

जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Apple को चेतावनी दी कि वह भारत में iPhone बनाना बंद करे, तो शायद उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि Apple भारत में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर लेगा। ट्रंप ने...
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जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Apple को चेतावनी दी कि वह भारत में iPhone बनाना बंद करे, तो शायद उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि Apple भारत में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर लेगा। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि भारत में बने iPhones पर अमेरिका में 25% टैक्स लगा दिया जाएगा। लेकिन Apple के लिए अब पीछे हटना मुमकिन नहीं दिखता।

देश की टॉप 5 स्मार्टफोन कंपनियों में शामिल हुआ iPhone

दरअसल, Apple ने भारतीय स्मार्टफोन बाजार में एक ऐतिहासिक पलटवार करते हुए चीनी दिग्गज Xiaomi को बिक्री के मामले में पीछे छोड़ दिया है। Apple अब भारत में टॉप 5 स्मार्टफोन कंपनियों में शुमार हो गया है, और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है — प्रीमियम iPhones की जबरदस्त मांग।

iPhone की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, Xiaomi हुआ पीछे

कुछ साल पहले तक Xiaomi भारत के मोबाइल बाजार में बेबाक बादशाह था। उसने माइक्रोमैक्स, लावा और कार्बन जैसी घरेलू कंपनियों को बाजार से लगभग बाहर कर दिया था। लेकिन आज हालात बिल्कुल उलट हो चुके हैं। IDC की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi अब छठे स्थान पर खिसक चुका है।

टॉप 5 ब्रांड्स में अब ये कंपनियां शामिल हैं:

  1. Vivo
  2. Samsung
  3. Oppo
  4. Realme
  5. Apple

Apple की इस छलांग का कारण है उसकी आक्रामक बिक्री रणनीति, जिसमें किफायती EMI प्लान, बैंक ऑफर्स, और आकर्षक ट्रेड-इन स्कीम्स शामिल हैं।

Apple क्यों बन गया भारत का प्रीमियम ब्रांड

IDC का कहना है कि भारत में iPhone की औसत बिक्री कीमत (ASP), अन्य स्मार्टफोन ब्रांड्स की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। फिर भी, लोग iPhone खरीदने को तैयार हैं। कारण है — ब्रांड की प्रतिष्ठा और ‘स्टेटस सिंबल’ की भावना। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, “हर कोई iPhone चाहता है। जब लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को iPhone इस्तेमाल करते देखते हैं, तो खुद भी वही अनुभव लेना चाहते हैं।” ये असर सिर्फ ब्रांड वैल्यू का नहीं, सोशल प्रेसर और लाइफस्टाइल चॉइस का भी है।

Xiaomi के लिए क्यों बिगड़ गए हालात

Xiaomi के गिरते ग्राफ के पीछे सिर्फ Apple की मजबूती नहीं, बल्कि कंपनी की अपनी रणनीतिक गलतियां भी हैं। कंपनी ने अपनी फोकस को बजट से हटाकर प्रीमियम सेगमेंट की ओर कर दिया, लेकिन यहां वह Apple या Samsung का मुकाबला नहीं कर पाई। ऑनलाइन मार्केट में उसकी पकड़ कमजोर पड़ी है। ऑफलाइन बिक्री नेटवर्क में भी कमजोरी दिखी है। इसके अलावा, कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की कार्रवाई और टैक्स विवादों ने नेतृत्व को हिला कर रख दिया। CEO मनु कुमार जैन ने पहले दुबई का रुख किया और फिर कंपनी ही छोड़ दी। उसके बाद कई टॉप एग्जीक्यूटिव्स ने भी इस्तीफा दे दिया।

क्या ट्रंप की धमकी का कोई असर होगा?

Apple को ट्रंप की धमकी के बावजूद भारत में iPhone बनाना बंद करना फिलहाल तो असंभव लग रहा है। कारण साफ है — भारत में iPhone की मांग और मुनाफा दोनों लगातार बढ़ रहे हैं। भारत न केवल एक उभरता हुआ बाजार है, बल्कि एक निर्माण केंद्र (मैन्युफैक्चरिंग हब) भी बनता जा रहा है।

भारत बना Apple का नया गढ़!

Apple की रणनीति ने साबित कर दिया है कि अगर आप ब्रांड पोजिशनिंग, वितरण रणनीति, और ग्राहक की भावनाओं को समझ लें, तो आप किसी भी चुनौती को अवसर में बदल सकते हैं। भारत के स्मार्टफोन बाजार में अब सिर्फ किफायती दाम नहीं, प्रीमियम अनुभव भी खरीदा जा रहा है — और यही है Apple की जीत की असली वजह।

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