नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

IC 814: कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज में इसलिए मुस्लिम आतंकियों का हिंदू नाम दिखाया गया

IC 814: नेटफ्लिक्स पर पिछले महीने 29 अगस्त को रिलीज हुई वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस सीरीज में कंधार हाईजैक के आतंकियों के नाम हिंदू दिखाए गए...
01:29 PM Sep 02, 2024 IST | Vibhav Shukla
IC 814: नेटफ्लिक्स पर पिछले महीने 29 अगस्त को रिलीज हुई वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस सीरीज में कंधार हाईजैक के आतंकियों के नाम हिंदू दिखाए गए...

IC 814: नेटफ्लिक्स पर पिछले महीने 29 अगस्त को रिलीज हुई वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस सीरीज में कंधार हाईजैक के आतंकियों के नाम हिंदू दिखाए गए हैं, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बायकॉट की मांग जोर पकड़ रही है।

सीरीज में आतंकियों के नाम हिंदू दिखाए जाने पर विरोध

सीरीज में असली आतंकियों के नाम—इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी अहमद, जहूर मिस्त्री और शाकिर—को बदलकर भोला और शंकर दिखाया गया है। इस पर लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है और सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया है कि आतंकियों के नाम क्यों बदलकर हिंदू नाम रखे गए?

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को तलब किया

लोगों के बढ़ते विरोध को देखते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को मंगलवार को पेश होने के लिए तलब किया है। मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सफाई मांगी है और सीरीज के विवादित हिस्सों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए उन्हें बुलाया है।

कहां से आया 'शंकर' और 'भोला' का नाम

दरअसल, यह वेब सीरीज IC 814 हाईजैक की सच्ची घटना पर आधारित है, और इसकी कहानी कैप्टन देवी शरण की किताब पर आधारित है। अब से 24 साल पहले प्रकाशित इस किताब में ही इन नामों का जिक्र है। किताब में बताया गया है कि काठमांडू से दिल्ली आ रहे प्लेन में बैठे लोगों को धोखा देने के लिए आतंकियों ने अपने कोडनेम बनाए थे। इनमें 'चीफ', 'डॉक्टर', 'बर्गर' और 'भोला' जैसे नाम शामिल थे। इसीलिए वेब सीरीज में इन नामों का इस्तेमाल किया गया है।

 

सिर्फ यही नहीं, 'IC 814 Hijacked: The Inside Story' नाम की किताब में भी इन नामों का इस्तेमाल किया गया  है। इस किताब के लेखक अनिल के. जगिया उस प्लेन में फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर मौजूद थे। किताब में आतंकियों का विवरण देते हुए बताया गया है कि 'बर्गर' लंबा और अंग्रेजी बोलने वाला था, 'डॉक्टर' चश्मा पहने हुए था, और 'शंकर' बहुत लंबा और कम बोलने वाला था। 'भोला' की ऊंचाई भी कम थी और उसकी बात करने की शैली से यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह कश्मीरी था। इसलिए, 'शंकर' और 'भोला' नाम जानबूझकर नहीं चुने गए थे। ये नाम असल में आतंकियों के कोडनेम थे, और किताबों में भी यही बताया गया है।

 

ये भी पढ़ें- Kejriwal Bail Hearing: CBI ने SC से मांगा और वक्त, अब 5 सितंबर तक जेल में ही रहेंगे केजरीवाल

कैसे हाईजैक हुई फ्लाइट IC-814?

24 दिसंबर 1999 को एयर इंडिया का विमान IC-814 को नेपाल के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हाईजैक कर लिया गया था। यह विमान काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भर रहा था और उसमें 176 यात्री सवार थे। हाईजैकर्स ने विमान को काठमांडू से कंधार, अफगानिस्तान ले जाने की योजना बनाई।

विमान को दुबई में ईंधन भरवाने के लिए रोका गया, जहां 28 यात्रियों को उतार दिया गया। इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इस दौरान एक यात्री घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई। फ्लाइट ने काठमांडू से उड़ान भरने के बाद भारतीय वायुसीमा में प्रवेश करते ही हाईजैक हो गई। हाईजैकर्स ने पायलट और यात्रियों को बंदूक के बल पर अपने कब्जे में ले लिया और विमान को पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया। विमान को अमृतसर में थोड़ी देर के लिए रोका गया, फिर लाहौर की ओर रवाना हुआ। लाहौर में विमान ने रात 8:07 बजे उतरने की अनुमति के बिना लैंड किया। अगली सुबह, विमान दुबई पहुंचा और फिर कंधार के लिए रवाना हुआ।

हाईजैकर्स ने विमान के हाईजैक होने के बाद भारत की जेलों में बंद आतंकवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांग की। विमान 8:33 बजे कंधार हवाई अड्डे पर उतरा और 31 दिसंबर तक वहीं रुका रहा। भारत सरकार ने इस संकट को हल करने के लिए बातचीत की और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने आतंकवादियों की मांग मानते हुए तीन आतंकवादियों - मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख, और मौलाना मसूद अजहर - को कंधार ले जाकर छोड़ने का निर्णय लिया। मसूद अजहर ने बाद में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन की स्थापना की, जो 2019 के पुलवामा हमलों में शामिल था।

इस घटनाक्रम के बाद 31 दिसंबर को 155 बंधकों को मुक्त कर दिया गया और उन्हें एक विशेष विमान से भारत वापस लाया गया। यह घटना भारतीय जनता और सरकार के लिए एक बड़ा झटका थी और इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए।

ये भी पढ़ेंः ED की कई घंटे की छापेमारी के बाद AAP विधायक अमानतुल्लाह खान गिरफ्तार

छोड़े गए आतंकवादियों का क्या हुआ?

मुश्ताक अहमद जरगर:  जम्मू-कश्मीर में सक्रिय कश्मीरी आतंकी कमांडर, जिसकी संपत्ति हाल ही में श्रीनगर में कुर्क की गई थी।

अहमद उमर सईद शेख: पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश आतंकवादी, जिसने 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल का अपहरण किया और हत्या की। इसे मामले में इसे फांसी की सजा सुनाई गई था लेकिन बाद में सिर्फ अपहरण का दोषी माना गया और रिहा कर दिया गया।

मौलाना मसूद अजहर: मोस्ट वांटेड आतंकवादी, जो अभी भी पाकिस्तान में है। हाल ही में उसकी मौत की खबर आई थी, लेकिन पुष्टि नहीं हुई है।

Tags :
IC 814Kandahar Hijack ControversyNetflix Content Head SummonedTerrorists’ Hindu Names Protest

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article