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Ayodhya south Korea connection: दक्षिण कोरिया और अयोध्या में है घनिष्ठ सम्बन्ध, राजकुमारी सुरीरत्ना क्यों है दोनों ही जगहों के लिए महत्वपूर्ण?

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ayodhya south Korea connection: भारत के साथ साथ पूरे विश्व में अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चर्चाएँ हो रही है। अब अयोध्या के साथ जुड़े सभी लोगों और स्थानों का...
12:49 AM Jan 14, 2024 IST | Bodhayan Sharma
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ayodhya south Korea connection: भारत के साथ साथ पूरे विश्व में अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चर्चाएँ हो रही है। अब अयोध्या के साथ जुड़े सभी लोगों और स्थानों का...

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ayodhya south Korea connection: भारत के साथ साथ पूरे विश्व में अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चर्चाएँ हो रही है। अब अयोध्या के साथ जुड़े सभी लोगों और स्थानों का जिक्र भी सामने आ रहा है। वैसा ही एक जिक्र बार बार सामने आ रहा है। जिसमें शामिल है दक्षिण कोरिया और राजकुमारी सुरीरत्ना (Ayodhya south Korea connection) का नाम।

अयोध्या से गया पत्थर आज भी मौजूद है दक्षिण कोरिया में

मान्यताओं के दृष्टिकोण से देखा जाए तो दक्षिण कोरिया और अयोध्या (Ayodhya south Korea connection) को लेकर काफी चर्चाएँ होती हैं। जिनमें से एक चर्चा ये भी है कि राजकुमारी सुरीरत्ना अयोध्या की रहने वाली थी। अयोध्या उनका पैतृक और जन्म स्थान था। राम जन्मभूमि जो उस समय साकेत नाम की थी, से सुरी रत्ना एक पत्थर लेकर दक्षिण कोरिया तक समुद्री रास्ते यात्रा पर गयी थी। यात्रा से पहले समुद्र उफान पर था, पर मान्यता है कि उस पत्थर की वजह से समुद्र शांत हुआ और यात्रा सफल रही। वो पत्थर आज भी दक्षिण कोरिया में मौजूद है।

सुरी रत्ना और हेओ ह्वांग ऑक का क्या सम्बन्ध है?

ऐसी मान्यता है और कई जगह इसके प्रमाणों की भी बात होती है कि सुरी रत्ना अयोध्या (Ayodhya south Korea connection) में जन्मीं थी। वो यहाँ की राजकुमारी थी। जो समुद्री रास्ते दक्षिण कोरिया गई थी और वहां के राजा से शादी की थी। 48 ईस्वी में अयोध्या से दक्षिण कोरिया गई राजकुमारी सुरी रत्ना वहां शादी के बाद हेओ ह्वांग ऑक बन गयी थी। शादी के बाद इनकी 10 पुत्र रूपी संतानें हुईं और ये सारे कारक राजवंशी कहलाए। दक्षिण कोरिया के एक राष्ट्रपति भी इसी वंश के थे, जिनका नाम था किम दे जंग।

इतिहास में भी है इस बात का वर्णन

इतिहासकार बताते हैं कि इस मान्यता का जिक्र इतिहास में भी कई जगह अंकित किया गया है। जिसके तहत 1281 ईस्वी में एक बौद्ध भिक्षु इल्योन ने संकलन कर जानकारी जुटाई थी कि हेओ ह्वांग ऑक भारत के अयुता साम्राज्य की राजकुमारी थी। जिसका बाद में कालांतर होने की वजह से नाम अयोध्या (Ayodhya south Korea connection) पड़ा।

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