भारत के विकास में डॉ. मनमोहन सिंह के 6 प्रमुख योगदान

डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री, ने देश के विकास के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। आइए जानते हैं उनके प्रमुख योगदान।

1991 में आर्थिक उदारीकरण

डॉ. सिंह ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी। इसके जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए खोला गया और देश में निवेश के नए रास्ते खुले।

2005 में मनरेगा कानून

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005 में पारित हुआ। यह कानून ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने और गरीबी हटाने का महत्वपूर्ण कदम था।

सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम

2005 में लागू हुए आरटीआई अधिनियम ने नागरिकों को सरकार से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया। यह पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में क्रांतिकारी कदम था।

2008 में अमेरिका के साथ परमाणु समझौता

डॉ. सिंह ने भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता किया, जिससे देश में ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिली और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली।

 शिक्षा के लिए सबको अवसर

डॉ. सिंह ने शिक्षा को हर बच्चे तक पहुँचाने के लिए ‘शिक्षा का अधिकार’ और अन्य योजनाओं को बढ़ावा दिया, जिससे शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ।

आर्थिक स्थिरता और समावेशी नीतियाँ

उन्होंने आर्थिक स्थिरता बनाए रखी और समाज के सभी वर्गों के लिए समावेशी नीतियाँ बनाई, जिससे हर नागरिक को विकास का हिस्सा बनने का मौका मिला।

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारत के आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक विकास में अद्वितीय है।

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