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Jharkhand : धनबाद के IIT ISM में शताब्दी समारोह, Gautam Adani के भाषण ने छात्रों-शिक्षकों में भरी नई ऊर्जा!

उन्होंने कहा, "अगर भारत को अपनी तक़दीर संवारनी है, तो उसे अपनी धरती की ताकत को समझना होगा।"
09:00 PM Dec 09, 2025 IST | srkauthor
उन्होंने कहा, "अगर भारत को अपनी तक़दीर संवारनी है, तो उसे अपनी धरती की ताकत को समझना होगा।"

Jharkhand : धनबाद का IIT ISM (Dhanbad's IIT ISM) सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी से निकली उम्मीद और ऊर्जा का प्रतीक है। 9 दिसंबर 2025 को जब अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) यहां शताब्दी समारोह में पहुंचे, तो पूरा ऑडिटोरियम जोश और गर्व से भर गया। हर चेहरा उत्साहित था, हर आंखों में भविष्य के सपनों की चमक थी। छात्रों की आंखों में चमक थी, मानो वे अपने सपनों को साकार होते देख रहे हों। शिक्षकों के चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी, और अतिथि भी इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बन ने पर खुद को भाग्यशाली मान रहे थे।

"जो धरती को पढ़ ले, वही असली रखवाला"

गौतम अदाणी ने अपने भाषण की शुरुआत धनबाद की इस ज्ञानभूमि को प्रणाम करते हुए की। उन्होंने कहा, "अगर भारत को अपनी तक़दीर संवारनी है, तो उसे अपनी धरती की ताकत को समझना होगा।" ऑडिटोरियम में तालियों की गूंज थी, मानो हर कोई इस विचार से सहमत हो कि भारत की असली ताकत उसकी मिट्टी में छुपी है। गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने बताया कि सौ साल पहले, जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, तब भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी। उनका कहना था, "एक राष्ट्र तभी महान बनता है जब वह अपनी धरती की भाषा सीख लेता है।" उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा सदियों पुरानी है, और IIT ISM धनबाद उसी परंपरा का आधुनिक रूप है।

  

"जो तुम बनोगे वही हमारा भारत बनेगा"

गौतम अदाणी ने छात्रों को याद दिलाया कि इतिहास को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, "जो तुम बनोगे, वही हमारा भारत बनेगा।" जैसे-जैसे गौतम अदाणी अपने विचार साझा कर रहे थे, ऑडिटोरियम में माहौल और भी जोशीला होता जा रहा था। गौतम अदाणी ने कहा, "ये युग तुम्हारा, ये रण तुम्हारा। हर चुनौती तुम्हारी, हर शिखर तुम्हारा।"अदाणी ने दुनिया में चल रहे "नैरेटिव कॉलोनाइजेशन" की चर्चा की। उन्होंने कहा, "जो कहानी हम नहीं लिखेंगे, वो हमारे खिलाफ लिखी जाएगी।" उन्होंने छात्रों को चुनौती दी कि वे ऐसे मॉडल बनाएं जो भारत की ऊर्जा गरिमा को सही मायनों में दर्शाएं।

''नए भारत की नींव रखी जा रही है''

गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने इस मौके पर नए भारत की तस्वीर खींची। उन्होंने इसके लिए ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े डाटा के श्रोताओं के सामने रखा। उन्होंने समझाने की कोशिश की कि कैसे भारत पर्यावरण को प्रति सजग होकर दुनिया के विकसित देशों से कम प्रदूषण पैदा कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत ने 50% से ज्यादा बिजली गैर-फॉसिल स्रोतों से हासिल कर ली है, और यह लक्ष्य तय समय से पहले पूरा हुआ। उन्होंने अपने ऑस्ट्रेलिया के कारमाइकल प्रोजेक्ट और गुजरात के खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा पार्क की चर्चा की। उन्होंने कहा, "लोग भले ही माइनिंग को पुरानी अर्थव्यवस्था कहें, लेकिन बिना इसके नई अर्थव्यवस्था संभव नहीं।"

सपने देखो, बेचैनी से उसका पीछा करो"

भाषण के अंत में अडानी ने छात्रों को संदेश दिया, "सपने देखो, डरना मत। लगातार मेहनत करो और भारत के सपनों का निर्माण करो।" जैसे ही उन्होंने "जय हिंद, जय भारत" कहा, पूरा ऑडिटोरियम तालियों से गूंज उठा। हर कोई इस पल को हमेशा के लिए याद रखना चाहता था। पूरे ऑडिटोरियम ने खड़े होकर तालियां बजाईं, हर कोई एक-दूसरे को देख रहा था, आंखों में गर्व और दिल में उम्मीद थी। ऐसा लग रहा था जैसे धनबाद की मिट्टी से निकली ऊर्जा पूरे हॉल में फैल गई हो।

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